मध्यप्रदेश में खाद्य मंत्री ने साझा की विभाग की उपलब्धियाँ
खाद्य मंत्री की प्रेस वार्ता
भोपाल में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पिछले दो वर्षों में विभाग ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, उपभोक्ता संरक्षण, किसान कल्याण और गैस आपूर्ति के क्षेत्रों में प्रगति हुई है। मंत्री ने राजधानी में विभाग की उपलब्धियों पर पत्रकारों से चर्चा की।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
खाद्य मंत्री ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मध्यप्रदेश में 5 करोड़ 25 लाख से अधिक लाभार्थियों को लगभग 22,800 करोड़ रुपये का नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया गया है। राशन वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए मुख्यमंत्री अन्न सेवा जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसके तहत लाभार्थियों को एसएमएस के माध्यम से राशन की जानकारी दी जा रही है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया में प्रगति
खाद्य मंत्री ने बताया कि विभाग ने ई-केवाईसी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति की है। पिछले दो वर्षों में लगभग 1 करोड़ 70 लाख लाभार्थियों का ई-केवाईसी सत्यापन पूरा किया गया है। अब तक 4 करोड़ 97 लाख लाभार्थियों के ई-केवाईसी कराए जा चुके हैं, जिससे लगभग 93 प्रतिशत प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
वन नेशन–वन राशन कार्ड योजना
राजपूत ने कहा कि वन नेशन–वन राशन कार्ड योजना के तहत हर महीने औसतन 39 हजार परिवार अन्य राज्यों से और लगभग 6 हजार परिवार मध्यप्रदेश में नि:शुल्क राशन प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा, 16 लाख परिवार प्रतिमाह अंतर-जिला पोर्टेबिलिटी का लाभ उठा रहे हैं।
वेयरहाउसिंग व्यवस्था में सुधार
खाद्य मंत्री ने बताया कि वेयरहाउसिंग व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तीन मोबाइल ऐप विकसित किए गए हैं, जो अनाज भंडारण की रियल टाइम मॉनिटरिंग में मदद करेंगे। इसके अलावा, किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद की गई है, जिसमें लगभग 28 लाख किसानों से 51 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
राजस्व अर्जन और उपभोक्ता आयोगों का कंप्यूटरीकरण
खाद्य मंत्री ने कहा कि नाप-तौल विभाग ने सत्यापन और निरीक्षण के माध्यम से 49 करोड़ 14 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया है। उपभोक्ता विवादों के त्वरित समाधान के लिए उपभोक्ता आयोगों का कंप्यूटरीकरण किया गया है, जिससे पिछले दो वर्षों में 3 लाख 7 हजार से अधिक मामलों का निपटारा किया गया है।
