मध्यप्रदेश में कृषि और सामाजिक न्याय में प्रगति: मंत्री कुशवाहा का बयान

मध्यप्रदेश के मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने राज्य में कृषि और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में पिछले दो वर्षों में हुई प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने उद्यानिकी में अभूतपूर्व वृद्धि, जीआई टैग, खाद्य प्रसंस्करण योजनाओं और दिव्यांगजन कल्याण के प्रयासों पर प्रकाश डाला। आगामी तीन वर्षों में और भी विकास की योजनाएँ बनाई गई हैं, जिनसे किसानों की आय में वृद्धि और दिव्यांगजनों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने का लक्ष्य है।
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मध्यप्रदेश में कृषि और सामाजिक न्याय में प्रगति: मंत्री कुशवाहा का बयान

विकास और सेवा के दो वर्ष

म.प्र. उद्यानिकी में देश का अग्रणी स्थान


मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय, दिव्यांगजन कल्याण एवं उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन-2047 और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य को कृषि एवं उद्यानिकी के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर लाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने पिछले दो वर्षों में उद्यानिकी और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में हुई उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।


उद्यानिकी में अभूतपूर्व वृद्धि

पिछले दो वर्षों में उद्यानिकी फसलों का रकबा 25.12 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 28.29 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसी समय में उत्पादन 389.10 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 425.68 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। प्रदेश की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से अधिक है। मध्यप्रदेश मसाला उत्पादन में पहले, पुष्प उत्पादन में दूसरे, सब्जी उत्पादन में तीसरे और फल उत्पादन में चौथे स्थान पर है।


जीआई टैग और उत्कृष्टता केंद्र

रीवा का सुंदरजा आम और रतलाम का रियावन लहसुन जीआई टैग प्राप्त कर चुके हैं। प्रदेश की 15 फसलों का जीआई पंजीकरण कराया गया है। इजराइल के सहयोग से मुरैना में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है, जबकि छिंदवाड़ा और हरदा में नए केंद्र विकसित किए जा रहे हैं।


खाद्य प्रसंस्करण और नवाचार

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत 8,198 ऋण प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं और 3,113 उद्यमियों को 108.64 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता दी गई है। सेंसर आधारित स्वचलित फर्टिगेशन, मखाना क्षेत्र विस्तार, एग्जोटिक सब्जी क्लस्टर, हाईटेक नर्सरी और इंक्यूबेशन सेंटर जैसे नवाचार लागू किए जा रहे हैं।


आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना

आगामी तीन वर्षों में उद्यानिकी फसलों का रकबा 33.39 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने, 15 हजार सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना और 25 फसलों को जीआई टैग दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।


2026: कृषि वर्ष

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्ष 2026 को कृषि वर्ष घोषित किया है। इसके अंतर्गत उद्यानिकी को बढ़ावा देने, खाद्य प्रसंस्करण से मूल्य संवर्धन और रोजगार सृजन के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी।


सामाजिक न्याय और दिव्यांग कल्याण के प्रयास

मंत्री कुशवाहा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षों में सामाजिक और शारीरिक रूप से कमजोर वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई प्रभावी पहल की हैं। वर्तमान में प्रदेश के 6 लाख 97 हजार दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 41.87 करोड़ रुपये की पेंशन दी जा रही है।


शिक्षा, तकनीक और रोजगार पर ध्यान

दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के 17 जिलों में विशेष विद्यालयों के तीन-तीन कक्षों को स्मार्ट क्लास के रूप में विकसित किया गया है। अब तक 34 हजार 649 दिव्यांगजनों को 59 हजार से अधिक सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।


निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर

केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त संस्था एटिपिकल एडवांटेज के साथ 2 दिसंबर 2025 को एमओयू किया गया है। इसके माध्यम से दिव्यांगजनों को उनकी योग्यता के अनुसार निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।


खेल और विवाह प्रोत्साहन

दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 958 दंपत्तियों को लाभ दिया गया है। खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।


वृद्धजनों का सम्मान

प्रदेश में 81 वृद्ध आश्रम संचालित किए जा रहे हैं। प्रति हितग्राही 2,200 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण सहायता दी जा रही है।


सामाजिक सुरक्षा पेंशन

प्रदेश की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के अंतर्गत 54 लाख से अधिक हितग्राहियों का 100 प्रतिशत ई-केवाईसी पूर्ण किया गया है।


नशामुक्त भारत अभियान

"विकसित भारत का मंत्र, भारत हो नशे से स्वतंत्र" अभियान के तहत प्रदेश में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।


मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह सहायता योजना

पिछले दो वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 1 लाख 52 हजार हितग्राहियों को 838.44 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है।