मध्यप्रदेश के सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में बाघ की मौत की जांच शुरू

मध्यप्रदेश के सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में एक बाघ की मृत अवस्था में खोज की गई है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यह आपसी संघर्ष का परिणाम हो सकता है। बाघ टी-66 की मौत की जांच के लिए फॉरेंसिक जांच की जा रही है। इस घटना के बाद, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शव का निस्तारण किया गया। मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या देश में सबसे अधिक है, जो वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
 | 
मध्यप्रदेश के सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में बाघ की मौत की जांच शुरू

सतपुड़ा बाघ अभयारण्य में बाघ की मृत्यु

मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा बाघ अभयारण्य (एसटीआर) में एक बाघ की मृत अवस्था में खोज की गई है। अधिकारियों ने बुधवार को इस घटना की जानकारी दी और आशंका जताई है कि यह आपसी संघर्ष का परिणाम हो सकता है।


एक अधिकारी ने बताया कि 11 से 12 वर्ष का बाघ टी-66 मंगलवार को अभयारण्य के लगदा बीट में मृत पाया गया, जिसके बाद गश्ती दल ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया।


एसटीआर की उप निदेशक ऋषिभा सिंह नेताम ने कहा कि वनकर्मियों और पशु चिकित्सकों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, जिसमें अवैध शिकार का कोई संकेत नहीं मिला और बाघ के सभी अंग सुरक्षित थे।


अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह प्रतीत होता है कि बाघ की मौत किसी अन्य बाघ के साथ लड़ाई के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक जांच के लिए बाघ के अवशेषों को सील कर दिया गया है।


नेताम ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पोस्टमार्टम के बाद शव का उचित निस्तारण किया गया। मध्यप्रदेश में कुल नौ टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच और पन्ना शामिल हैं। एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसार, मध्यप्रदेश में 785 बाघ हैं, जो देश में सबसे अधिक हैं।