मध्य प्रदेश में सांपों की अद्भुत अदालत: एक अनोखी परंपरा

मध्य प्रदेश के लसूड़िया परिहार गांव में हर साल दिवाली के बाद सांपों की अदालत का आयोजन होता है, जहां सांपों से पूछा जाता है कि उन्होंने लोगों को क्यों डसा। यह अनोखी परंपरा पिछले 150 वर्षों से चली आ रही है। हजारों लोग इस अद्भुत समारोह में शामिल होते हैं, जो अपनी स्वास्थ्य की कामना लेकर आते हैं। जानें इस अद्भुत परंपरा के बारे में और इसके पीछे की कहानी।
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मध्य प्रदेश में सांपों की अद्भुत अदालत: एक अनोखी परंपरा

सांपों की अदालत: एक अनोखी परंपरा

‘सांपों की अदालत’ सुनकर आपके मन में कई सवाल उठ सकते हैं। यह क्या है और इसका महत्व क्या है? दरअसल, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के लसूड़िया परिहार गांव में हर साल दिवाली के बाद सांपों की अदालत का आयोजन होता है। यह परंपरा पिछले 150 वर्षों से चली आ रही है। यहां सांपों की पेशी होती है और उनसे यह पूछा जाता है कि उन्होंने लोगों को क्यों डसा। हर साल, हजारों लोग जो सर्पदंश का शिकार हुए हैं, मंदिर में आकर स्वास्थ्य की कामना करते हैं।


नाग देवता का आगमन

मानव के शरीर में आते हैं नाग देवता


मध्य प्रदेश में सांपों की अद्भुत अदालत: एक अनोखी परंपरा


जब अदालत का आयोजन होता है, तो मानव शरीर में नाग देवता का आगमन होता है। इस दौरान, पीड़ित व्यक्ति सांप द्वारा डसे जाने का कारण बताते हैं। कोई कहता है कि ‘मेरी पूंछ पर पैर रखा था, इसलिए डस लिया’ और कोई कहता है कि ‘बहुत परेशान करता था, इसलिए काट लिया।’ यह अद्भुत दरबार दिवाली के अगले दिन पड़वा पर लगता है। हाल ही में, 5 नवंबर को भी इस गांव में ऐसा ही दृश्य देखने को मिला।


सांपों की अदालत का आयोजन

ऐसे लगती है सांपों की अदालत


मध्य प्रदेश में सांपों की अद्भुत अदालत: एक अनोखी परंपरा


सांपों की अदालत की शुरुआत एक थाली को नगाड़े की तरह बजाकर की जाती है। इसके बाद, जिन लोगों को पहले सांप काट चुका है, वे अचानक झूमने लगते हैं और उनमें नाग देवता का आगमन होता है। पंडितजी इनसे संवाद करते हैं और पूछते हैं कि उन्होंने पीड़ित को क्यों काटा। नाग देवता विभिन्न कारण बताते हैं, और इसके बाद पीड़ित व्यक्ति यह वचन देते हैं कि वे भविष्य में सांपों को परेशान नहीं करेंगे।


लोगों की भारी भीड़

सांपों की अदालत में आते हैं हजारों लोग


मध्य प्रदेश में सांपों की अद्भुत अदालत: एक अनोखी परंपरा


यह प्रथा चाहे अंधविश्वास मानी जाए या आस्था, लेकिन हर साल हजारों लोग मंदिर में सांपों की पेशी में शामिल होने आते हैं। इनमें से अधिकांश लोग वही होते हैं जिन्हें पहले सांप काट चुका होता है। वे यह जानने आते हैं कि सांप ने उन्हें क्यों डसा। इस दौरान, एक नाग ने मानव शरीर में आकर कहा, ‘मैं तुम्हारे खेत में शांति से रहता था, तुमने मेरा घर तोड़ दिया, इसलिए मैंने तुम्हें सजा दी।’


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