मध्य प्रदेश में रिटायर्ड अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की टीम ने रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें करोड़ों की संपत्ति और अवैध शराब के कारोबार का खुलासा हुआ। जांच में भदौरिया के पास लग्जरी गाड़ियाँ, विदेशी मुद्रा और अन्य महंगी वस्तुएँ मिलीं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और भदौरिया के समधी की गतिविधियों के बारे में।
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मध्य प्रदेश में रिटायर्ड अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

लोकायुक्त की कार्रवाई में रिटायर्ड अधिकारी का भंडाफोड़

मध्य प्रदेश में रिटायर्ड अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की टीम ने रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई बुधवार, 15 अक्टूबर को इंदौर और ग्वालियर में की गई। जांच के दौरान अधिकारियों को भदौरिया के पास कई लग्जरी गाड़ियाँ, 5 हजार यूरो की विदेशी मुद्रा और फिल्मों में निवेश के दस्तावेज मिले। इसके अलावा, 8 करोड़ रुपये के लेनदेन से संबंधित कागजात भी बरामद हुए। इंदौर में कैलाश कुंज अपार्टमेंट में सर्चिंग के दौरान चार ऑफिस और अवि ग्रीन में एक फ्लैट तथा काउंटी वॉक कॉलोनी में एक निर्माणाधीन मकान भी मिला है।

ग्वालियर में विवेक नगर मेला मैदान के पास भी एक घर की पहचान की गई है। धर्मेंद्र भदौरिया अभी लोकायुक्त दल के साथ हैं। इस छापे में इंदौर-उज्जैन और ग्वालियर की टीम शामिल थी। भदौरिया की सेवाकाल में कुल आय दो करोड़ रुपये बताई गई है, जबकि लोकायुक्त ने उनकी संपत्ति 8 करोड़ रुपये से अधिक की जानकारी प्राप्त की है। धर्मेंद्र भदौरिया 1987 में एसआई (आबकारी) के पद पर भर्ती हुए थे और 31 अगस्त को जिला आबकारी अधिकारी के पद से रिटायर हुए।

रिटायर्ड अधिकारी के ठिकाने से मिली संपत्ति

– डेढ़ किलो सोने की बार।
– लगभग एक किलो सोने के आभूषण।
– ढाई किलो से अधिक चांदी के आभूषण।
– 75 लाख रुपये नकद।
– महंगी घड़ियाँ, परफ्यूम और साड़ियाँ।
– रिवाल्वर और रायफल भी बरामद हुई।

गुजरात में भदौरिया के समधी की गतिविधियाँ

धर्मेंद्र भदौरिया के समधी एके सिंह गुजरात में सक्रिय हैं। गुजरात में शराबबंदी के कारण मध्य प्रदेश से अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है, जिसमें अलीराजपुर नजदीकी जिला है। एके सिंह के हाथों में इस अवैध शराब का कारोबार बताया जाता है, जो करोड़ों रुपये का है।