मध्य प्रदेश में मदरसों में हिंदू बच्चों के दाखिले पर एनएचआरसी की चिंता

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने मध्य प्रदेश के मुरैना और शिवपुरी जिलों में सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में हिंदू बच्चों के दाखिले पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि लगभग 500 हिंदू बच्चों को कुरान और इस्लामी शिक्षाएँ पढ़ाई जा रही हैं, जिससे धर्मांतरण की साजिश के आरोप लग रहे हैं। एनएचआरसी ने इस मामले की जाँच के लिए मध्य प्रदेश सरकार को शिकायत भेजी है और मदरसों में शिक्षा की भूमिका पर स्पष्टता की आवश्यकता पर बल दिया है।
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मध्य प्रदेश में मदरसों में हिंदू बच्चों के दाखिले पर एनएचआरसी की चिंता

एनएचआरसी की चिंता

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के मुरैना और शिवपुरी जिलों में सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में हिंदू बच्चों के दाखिले को लेकर चिंता व्यक्त की। कानूनगो के अनुसार, लगभग 500 हिंदू बच्चों को कथित तौर पर कुरान और अन्य इस्लामी शिक्षाएँ पढ़ाई जा रही हैं, जिससे धर्मांतरण की साजिश के आरोप लग रहे हैं। उन्होंने बताया, "हमें मध्य प्रदेश के मुरैना और शिवपुरी में सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में लगभग 500 हिंदू बच्चों के नामांकन की शिकायतें मिलीं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि हिंदू बच्चों को कुरान और उससे जुड़े विषयों की शिक्षा देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। हमने यह शिकायत मध्य प्रदेश सरकार को जाँच के लिए भेज दी है।" 


मदरसों में शिक्षा की भूमिका

कानूनगो ने जोर देकर कहा कि हिंदू बच्चों का मदरसों में नामांकन नहीं होना चाहिए और मुस्लिम बच्चों का भी बुनियादी शिक्षा के लिए स्कूलों में दाखिला होना आवश्यक है। उन्होंने कहा, "हमारी मुख्य चिंता यह है कि हिंदू बच्चे मदरसों में न हों। अगर मुस्लिम बच्चे मदरसों में जाते हैं, तो उन्हें अपनी बुनियादी शिक्षा के लिए स्कूल भी जाना चाहिए। यह स्पष्ट है कि मदरसे बच्चों को शिक्षित करने का स्थान नहीं हैं।" 


संविधान का उल्लंघन

एनएचआरसी सदस्य ने यह भी कहा कि यह स्थिति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 28-3 का गंभीर उल्लंघन है, जो सरकारी धन से संचालित शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा पर रोक लगाता है। कानूनगो ने मदरसों के लिए सरकारी धन के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि आरोप सही हैं, तो राज्य सरकार को जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 283 का गंभीर उल्लंघन है और यदि यह सरकारी धन से हो रहा है, तो राज्य सरकार को इन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।" 


जाँच की प्रक्रिया

एनएचआरसी ने शिकायत को जाँच के लिए मध्य प्रदेश सरकार को भेज दिया है। कानूनगो ने शिक्षा में मदरसों की भूमिका पर स्पष्टता की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि इन संस्थानों को औपचारिक स्कूली शिक्षा का स्थान नहीं लेना चाहिए। एनएचआरसी ने मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर आरोपों की जाँच करने और 15 दिनों के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट माँगी है। एनएचआरसी को 26 सितंबर को लिखे गए एक पत्र के अनुसार, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक सुसंगठित अवैध धर्मांतरण रैकेट चल रहा है, जो 556 हिंदू बच्चों को 27 अनधिकृत मदरसों में दाखिला दिलाकर उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित करने के इरादे से निशाना बना रहा है।