मध्य प्रदेश में दिव्यांग कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

मध्य प्रदेश में दिव्यांग जनों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए आयुक्त निशक्तजन ने शासन को एक महत्वपूर्ण पत्र भेजा है। इस पत्र में दिव्यांग अधिनियम के तहत आरक्षण का प्रावधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लेख किया गया है। राज्य के दिव्यांग कर्मचारियों की नजरें इस बात पर हैं कि सरकार कब तक उन्हें यह अधिकार प्रदान करेगी। नए वर्ष में संभावित सकारात्मक निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है।
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आयुक्त निशक्तजन का शासन को पत्र

मध्य प्रदेश में दिव्यांग कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम


बालाघाट। मध्य प्रदेश में दिव्यांग जनों को पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए आयुक्त निशक्तजन डॉ. अजय खेमरिया ने सामान्य प्रशासन विभाग को एक औपचारिक अनुशंसा भेजी है। यह अनुशंसा मध्य प्रदेश दिव्यांग अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के निवेदन पर आधारित है, जिसमें संघ ने न्यायालयीन आदेशों के साथ दिव्यांग अधिकारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने की मांग की थी।


आयुक्त के पत्र में बताया गया है कि दिव्यांग अधिनियम 1995 में पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान है, जिसे दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 में भी बनाए रखा गया है। इसके बावजूद, मध्य प्रदेश में दिव्यांग अधिकारियों और कर्मचारियों को इस आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के साथ कई दिव्यांग कर्मचारियों ने आयुक्तालय में आवेदन दिए हैं।


सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, केंद्र सरकार ने अपने सभी विभागों में दिव्यांग अधिकारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का निर्णय लिया है। कई राज्य सरकारें भी इस दिशा में कदम उठा रही हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के दिव्यांग कर्मचारी अभी भी इस संवैधानिक अधिकार से वंचित हैं। आयुक्त निशक्तजन की अनुशंसा के बाद, राज्य सरकार का निर्णय इस मामले में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। लाखों दिव्यांग कर्मचारियों की नजरें इस बात पर हैं कि सरकार कब तक उन्हें यह अधिकार प्रदान करेगी। उम्मीद की जा रही है कि मध्य प्रदेश की मोहन सरकार नए वर्ष में दिव्यांगजनों को पदोन्नति में आरक्षण देकर उन्हें एक महत्वपूर्ण उपहार दे सकती है।