मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत: डॉक्टर गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले में एक सरकारी डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना में कुल 14 बच्चों की जान गई है, और प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 | 
मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत: डॉक्टर गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का मामला

मध्य प्रदेश में कई बच्चों की मौत से जुड़े एक प्रतिबंधित कफ सिरप को लिखने वाले एक सरकारी चिकित्सक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उसके साथ-साथ तमिलनाडु स्थित निर्माता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने रविवार को इस घटना की जानकारी दी। राज्य में मृतकों की संख्या अब 14 हो गई है।


परिजनों की त्रासदी

छिंदवाड़ा जिले में मिलावटी कफ सिरप पीने से अपने बच्चों को खो चुके परिवारों ने अपने बेशकीमती सामान बेचकर और गहने गिरवी रखकर उन्हें बचाने की कोशिश की। अब वे कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। इन परिवारों के लिए सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि उन्होंने जो कुछ भी किया, वह सब व्यर्थ साबित हुआ।


यासीन खान की कहानी

परासिया के यासीन खान ने अपने चार साल के बेटे उसेद की हल्का बुखार और खांसी के बाद मौत हो जाने की बात बताई। खान ने स्थानीय चिकित्सक से सलाह लेकर उसेद को कोल्ड्रिफ कफ सिरप दिया, जो बाद में जहरीला पाया गया। खान ने कहा कि अपने बेटे को बचाने के लिए उन्होंने अपना ऑटो-रिक्शा बेच दिया।


परिवार की आर्थिक स्थिति

खान की पत्नी ने इलाज के खर्च के लिए अपनी शादी के गहने गिरवी रख दिए। इस बीच, उनके छोटे से घर का एक हिस्सा ढह गया जब परिवार नागपुर में अपने बच्चे का इलाज करवा रहा था। यह कहानी केवल खान की नहीं है; कई अन्य परिवार भी इसी तरह की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।


सरकार की प्रतिक्रिया

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रत्येक शोक संतप्त परिवार को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है, लेकिन यह उनके दर्द और वित्तीय चिंताओं के सामने नाकाफी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।


जांच और कार्रवाई

जहरीले कफ सिरप के कारण छिंदवाड़ा में 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से 11 परासिया उपमंडल से, दो छिंदवाड़ा शहर से और एक चौरई तहसील से हैं। मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।