मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौतों का मामला गंभीर

कोल्ड्रिफ कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतें
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बुधवार को जानकारी दी कि राज्य में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 20 बच्चों की जान जा चुकी है, जबकि पांच अन्य का इलाज जारी है। इनमें से 17 बच्चे छिंदवाड़ा जिले के, दो बैतूल जिले के और एक पांढुर्ना जिले का है। शुक्ला ने संवाददाताओं को बताया कि इस दुखद घटना में छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्ना जिलों के बच्चों की जान गई है। राज्य सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई कर रही है। छिंदवाड़ा से पुलिस की टीमें कोल्ड्रिफ के निर्माता कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने के लिए चेन्नई और कांचीपुरम पहुंच गई हैं।
डॉक्टरों से हड़ताल न करने की अपील
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि वे हड़ताल न करें और अपना कार्य जारी रखें। उन्होंने भारत सरकार और आईसीएमआर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की बात कही, जिसमें चार साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न लिखने की सलाह दी गई है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को डॉक्टरों के एक समूह और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रतिनिधियों ने छिंदवाड़ा जिले में एक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सरकारी डॉक्टर प्रवीण सोनी की रिहाई की मांग की गई थी।
डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी
डॉ. सोनी, जो छिंदवाड़ा के परासिया स्थित सिविल अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ हैं, को हाल ही में निलंबित किया गया था और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई, जिसके चलते उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। आईएमए ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
बच्चों के इलाज की स्थिति
इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री ने नागपुर में इलाज करा रहे बच्चों से मुलाकात की और कहा कि बच्चों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। शुक्ला ने कहा, "मैंने नागपुर में इलाज करा रहे पांच बच्चों, जिनमें से दो सरकारी मेडिकल कॉलेज में, दो एम्स में और एक निजी अस्पताल में हैं, और उनके परिवारों से मुलाकात की। प्रबंधन और डॉक्टर बच्चों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।"