मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक की विवादास्पद टिप्पणी से मचा राजनीतिक हंगामा

ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर की विवादास्पद टिप्पणी ने मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। अशोकनगर में 'न्याय सत्याग्रह' प्रदर्शन के दौरान की गई इस टिप्पणी ने भाजपा और नागरिक समाज की कड़ी आलोचना को जन्म दिया। भाजपा ने गुर्जर की भाषा को असंवैधानिक और अपमानजनक बताया है, जबकि कांग्रेस ने अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह घटना राजनीतिक विमर्श में शिष्टाचार बनाए रखने की आवश्यकता पर बहस को फिर से शुरू कर देती है।
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मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक की विवादास्पद टिप्पणी से मचा राजनीतिक हंगामा

राजनीतिक विवाद का केंद्र

ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर ने अशोकनगर जिले में पार्टी के 'न्याय सत्याग्रह' प्रदर्शन के दौरान एक विवादास्पद बयान दिया, जिससे मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई। प्रदर्शन के दौरान गुर्जर ने कहा, 'साथियों जो मर्द थे वो जंग में आए और जो ... थे वो संघ में गए।' यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर इशारा करती है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राज्य के नागरिक समाज ने इसकी कड़ी आलोचना की।


प्रदर्शन का उद्देश्य

यह प्रदर्शन मध्य प्रदेश कांग्रेस द्वारा राज्य पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के विरोध में आयोजित किया गया था। इस दौरान दिग्विजय सिंह, उमंग सिंघार और पटवारी जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी उपस्थित थे। विवाद का संबंध अशोकनगर निवासी गजराज लोधी से है, जिन्होंने पहले आरोप लगाया था कि एक भाजपा कार्यकर्ता ने उन पर हमला किया और उन्हें मानव मल खाने के लिए मजबूर किया। लोधी ने 25 जून को जीतू पटवारी के ओरछा दौरे के दौरान अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।


भाजपा की प्रतिक्रिया

राज्य के सहकारिता मंत्री और भाजपा नेता विश्वास सारंग ने गुर्जर की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे 'असंवैधानिक और अपमानजनक' करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि गुर्जर ने कमलनाथ, अरुण यादव और अजय सिंह जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का अपमान किया है और 'हिजड़ा' शब्द का इस्तेमाल करके उन्हें और अपमानित किया है। सारंग ने कहा, 'यह केवल गुटबाजी नहीं है; यह कांग्रेस पार्टी में बढ़ती आंतरिक अराजकता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अनादर का प्रतीक है।'


भविष्य की संभावनाएँ

भाजपा ने इस मामले में आधिकारिक माफी की मांग की है, जबकि कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह घटना राजनीतिक विमर्श में अपमानजनक भाषा के उपयोग और सार्वजनिक जीवन में शिष्टाचार बनाए रखने की आवश्यकता पर बहस को फिर से शुरू कर देती है।