मध्य प्रदेश में एचआईवी संक्रमण के मामले में अस्पताल के कर्मचारियों पर कार्रवाई

मध्य प्रदेश के सतना में एक सरकारी अस्पताल में छह बच्चों के एचआईवी संक्रमित होने की घटना के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। ब्लड बैंक के प्रभारी और दो लैब तकनीशियनों को निलंबित किया गया है। इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया था, जिसने प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की। इसके अलावा, पूर्व सिविल सर्जन को भी स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
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सतना में एचआईवी संक्रमण की जांच

सतना


मध्य प्रदेश के सतना में सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय अस्पताल में छह बच्चों के एचआईवी संक्रमित होने की घटना के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। इस मामले में ब्लड बैंक के प्रभारी और दो लैब तकनीशियनों को निलंबित कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए आयुष्मान भारत योजना के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, डॉ. योगेश भरसट की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।


अधिकारी ने बताया कि यह समिति 16 दिसंबर को बनाई गई थी। प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर, ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल और लैब तकनीशियन राम भाई त्रिपाठी और नंदलाल पांडे को निलंबित किया गया है।


इसके अतिरिक्त, जिला अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन मनोज शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उन्हें लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।


अधिकारी के अनुसार, यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होता है, तो शुक्ला के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।


यह ध्यान देने योग्य है कि 16 दिसंबर को यह जानकारी सामने आई थी कि सतना जिला अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित छह बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाया गया था, जिसके कारण वे इस गंभीर बीमारी का शिकार हो गए। इनमें से एक बच्चे के माता-पिता भी प्रभावित हुए हैं।


यह घटनाएँ इस वर्ष जनवरी से मई के बीच हुई थीं, और सभी पीड़ितों का एचआईवी प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है। मामले के उजागर होने के बाद सरकार ने इसकी जांच के लिए समिति का गठन किया था।