मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय, लाडली बहना योजना में वृद्धि

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। लाडली बहना योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता को 1,500 रुपये करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, ओंकारेश्वर में एकता धाम परियोजना के लिए 2,424.369 करोड़ रुपये की लागत को मंजूरी दी गई। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी कदम उठाए गए हैं, जिसमें सरकारी भवनों पर सौर रूफटॉप प्रणालियाँ लगाने का निर्णय शामिल है। इस बैठक के परिणामस्वरूप राज्य में कई विकासात्मक पहलें शुरू होंगी।
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मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय, लाडली बहना योजना में वृद्धि

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक

सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुवाई में राज्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मंत्रिपरिषद ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी, जिनमें से एक मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत मासिक वित्तीय सहायता को 1,250 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये करना है। यह योजना मार्च 2023 में 1,000 रुपये के मासिक वजीफे के साथ शुरू की गई थी और सितंबर 2023 में इसे संशोधित कर 1,250 रुपये किया गया था। अब, नवंबर 2025 से प्रभावी होने वाली 250 रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी गई है, जिससे कुल राशि 1,500 रुपये हो जाएगी। मुख्यमंत्री 12 नवंबर को सिवनी जिले में एक कार्यक्रम के दौरान इस महीने की किस्त का वितरण करेंगे।


ओंकारेश्वर में एकता धाम परियोजना

एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, मंत्रिपरिषद ने ओंकारेश्वर में एकता धाम परियोजना के लिए 2,424.369 करोड़ रुपये की संशोधित परियोजना लागत को स्वीकृति दी। इस परियोजना में आदि शंकराचार्य की 108 फुट ऊँची बहुधातु प्रतिमा, उनके जीवन और दर्शन पर आधारित संग्रहालय, आचार्य शंकर संग्रहालय 'अद्वैत लोक', आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय वेदांत संस्थान और अद्वैत निलयम जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। मध्य प्रदेश पर्यटन निगम इन सभी कार्यों का कार्यान्वयन करेगा।


सौर ऊर्जा की दिशा में कदम

मंत्रिपरिषद ने प्रधानमंत्री सूर्याघर मुफ्त बिजली योजना के तहत रेस्को (नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी) मॉडल के अंतर्गत सभी सरकारी भवनों पर सौर रूफटॉप प्रणालियाँ लगाने की भी स्वीकृति दी। इस पहल का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों को बिना प्रत्यक्ष विभागीय निवेश के सौर ऊर्जा से संचालित करना है। इसके लिए, सरकारी कार्यालय रेस्को डेवलपर को प्रति यूनिट भुगतान करेंगे, जो मौजूदा बिजली दरों से कम होने की संभावना है, जिससे दीर्घकालिक बचत होगी। रेस्को मॉडल के तहत, ये सौर प्रणालियाँ सरकारी भवनों में स्थापित की जाएँगी और डेवलपर संस्था द्वारा 25 वर्षों तक उनका रखरखाव किया जाएगा। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने खंडवा जिले के मांधाता में नव स्थापित न्यायालय में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के एक पद सहित सात नए पदों के सृजन को भी मंजूरी दी।