मध्य प्रदेश के गांव में बहुओं की सेवा के लिए अनोखी पहल
गांव में बहुओं और सास-ससुर के बीच झगड़ों का समाधान
मध्य प्रदेश के सीधी जिले के पनवार चौहानन गांव में सास-ससुर और बहुओं के बीच अक्सर विवाद होते थे। बुजुर्गों की इस समस्या को देखते हुए, गांव के लोगों ने एक अनोखी पहल की। यहां के निवासियों ने मिलकर एक ऐसा उपाय निकाला, जिससे गांव में शांति स्थापित हो गई।
सास-ससुर की सेवा के लिए पुरस्कार योजना
गांव के सरपंच के अनुसार, यहां लगभग 3200 लोग निवास करते हैं। सास-ससुर और बहुओं के बीच झगड़ों की खबरें आम थीं, जिससे परिवार का माहौल खराब हो रहा था। इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने एक बैठक की और एक अनोखा निर्णय लिया।
गांव वालों ने बहुओं को सास-ससुर की सेवा के लिए पुरस्कार देने की योजना बनाई। इसका उद्देश्य यह था कि जो बहू अपने सास-ससुर की सबसे अच्छी सेवा करेगी, उसे पूरे गांव में सम्मानित किया जाएगा। इस योजना ने काम किया और बहुएं अपने सास-ससुर का बेहतर ख्याल रखने लगीं।
सामाजिक बदलाव की दिशा में कदम
यह पहल 24 जनवरी को शुरू की गई थी, और हर 26 जनवरी और 15 अगस्त को उस बहू को सम्मानित किया जाएगा, जिसने अपने सास-ससुर की सबसे ज्यादा सेवा की हो। इस योजना को सफल बनाने के लिए एक निगरानी समिति का गठन भी किया गया है।
इस पहल के सकारात्मक परिणाम दो महीने के भीतर ही दिखने लगे। गांव में झगड़े कम हो गए हैं और अब हर महिला इस पुरस्कार को जीतने की कोशिश कर रही है। राजकुमारी यादव, जो 35 वर्ष की हैं, को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
राजकुमारी यादव की प्रेरणादायक कहानी
राजकुमारी यादव के ससुर, शिवनाथ यादव, को दिसंबर 2021 में दिल का दौरा पड़ा था। उस समय उनके पति किसी काम से बाहर थे। राजकुमारी ने अपनी घबराहट को काबू में रखते हुए उन्हें प्राथमिक उपचार दिया और फिर जबलपुर के एक प्राइवेट अस्पताल ले गई।
उनकी हिम्मत से ससुर की जान बच गई। अब गांव की अन्य बहुएं भी राजकुमारी को प्रेरणा मानकर अपने सास-ससुर की सेवा कर रही हैं।
