मध्य प्रदेश के गांव में बहुओं की सेवा के लिए अनोखी पहल

मध्य प्रदेश के पनवार चौहानन गांव में सास-ससुर और बहुओं के बीच झगड़ों को खत्म करने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की गई है। इस पहल के तहत बहुओं को अपने सास-ससुर की सेवा करने पर पुरस्कार दिया जाएगा। यह योजना न केवल झगड़ों को समाप्त कर रही है, बल्कि गांव की बहुओं को प्रेरित भी कर रही है। जानिए इस पहल के बारे में और कैसे एक बहू ने अपने ससुर की जान बचाई।
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मध्य प्रदेश के गांव में बहुओं की सेवा के लिए अनोखी पहल

गांव में सास-ससुर और बहुओं के बीच झगड़ों का समाधान

मध्य प्रदेश के गांव में बहुओं की सेवा के लिए अनोखी पहल


मध्य प्रदेश के सीधी जिले के पनवार चौहानन गांव में सास-ससुर और बहुओं के बीच अक्सर विवाद होते थे। बुजुर्गों की शिकायत थी कि बहुएं उनकी देखभाल नहीं करतीं। इस समस्या को हल करने के लिए गांव के लोगों ने एक अनोखी पहल की।


गांव की अनोखी पहल ने झगड़ों को किया समाप्त

गांव के सरपंच के अनुसार, यहां लगभग 3200 लोग निवास करते हैं। सास-ससुर और बहुओं के बीच झगड़ों की खबरें आम थीं, जिससे परिवार का माहौल खराब हो रहा था। इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने एक बैठक आयोजित की और एक अनोखा निर्णय लिया।


पुरस्कार योजना से बढ़ी बहुओं की सेवा

गांव वालों ने एक योजना बनाई, जिसमें सास-ससुर की सेवा करने वाली बहुओं को पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया। जो बहू अपने सास-ससुर की सबसे अच्छी सेवा करेगी, उसे पूरे गांव में सम्मानित किया जाएगा। इस योजना ने काम किया और बहुएं अपने सास-ससुर का बेहतर ख्याल रखने लगीं।


सास-ससुर की सेवा में बहुओं की बढ़ती रुचि

यह पहल 24 जनवरी को शुरू की गई थी, और हर 26 जनवरी और 15 अगस्त को उस बहू को सम्मानित किया जाएगा, जिसने अपने सास-ससुर की सबसे ज्यादा सेवा की हो। इस योजना को सफल बनाने के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया गया है।


राजकुमारी यादव को मिला सम्मान

इस पहल के सकारात्मक परिणाम दो महीने में ही दिखने लगे। अब गांव में झगड़े बंद हो गए हैं। 35 वर्षीय बहू राजकुमारी यादव को इस पहल के तहत सम्मानित किया गया। दिसंबर 2021 में उनके ससुर को दिल का दौरा पड़ा था, और राजकुमारी ने उनकी जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।