मथुरा में वन विभाग के लिपिक को रिश्वत लेते पकड़ा गया

उत्तर प्रदेश के मथुरा में वन विभाग के प्रधान लिपिक को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। यह मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति ने पेट्रोल पंप के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की थी। एसीओ की टीम ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई की और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगे की विधिक कार्रवाई के बारे में।
 | 
मथुरा में वन विभाग के लिपिक को रिश्वत लेते पकड़ा गया

मथुरा में रिश्वतखोरी का मामला

उत्तर प्रदेश पुलिस के भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एसीओ) ने शुक्रवार को मथुरा में वन विभाग के प्रधान लिपिक को पेट्रोल पंप के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने के नाम पर 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी दी।


एसीओ की टीम, जो आगरा से आई थी, ने आरोपी के खिलाफ जमुना पार थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई और उसे अपने साथ ले गई। आरोपी को शनिवार को मेरठ में भ्रष्टाचार निरोधक मामलों की सुनवाई के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।


एसीओ (आगरा) के प्रभारी सहदेव सिंह ने बताया कि भारतीय तेल निगम ने 2022 में नगला हसनपुर निवासी राजन सिंह के आवेदन को मंजूरी दी थी, लेकिन वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने के कारण उनकी फाइल अटकी हुई थी।


राजन सिंह को पता चला कि प्रधान लिपिक ने उनकी फाइल रोक रखी है। जब वह अपने बहनोई के साथ लिपिक से मिले, तो उसने दो लाख रुपये की मांग की।


सहदेव सिंह के अनुसार, जब राजन और उसके बहनोई ने इतनी राशि नहीं होने की बात कही, तो मामला 50,000 रुपये में तय हुआ। इसके बाद राजन के बहनोई ने आगरा स्थित एसीओ में शिकायत दर्ज कराई।


शिकायत की पुष्टि होने के बाद, एसीओ की टीम ने शुक्रवार दोपहर को सामाजिक वानिकी प्रभाग कार्यालय में किशोर चतुर्वेदी को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।


एसीओ प्रभारी ने बताया कि थाने में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।