मतदाता सूची में नाम कटने पर क्या करें? जानें SIR प्रक्रिया के बारे में

भारत के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान मतदाताओं को गणना प्रपत्र भरने की आवश्यकता है। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट से कट जाता है, तो क्या करें? जानें इस प्रक्रिया के बारे में और कैसे आप अपने नाम को फिर से जोड़ सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस लेख में हम आपको SIR प्रक्रिया और इसके विकल्पों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
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मतदाता सूची में नाम कटने पर क्या करें? जानें SIR प्रक्रिया के बारे में

SIR प्रक्रिया और मतदाता सूची

मतदाता सूची में नाम कटने पर क्या करें? जानें SIR प्रक्रिया के बारे में

एसआईआर, मतदाता और वोटर लिस्ट.

भारत के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य चल रहा है। इस प्रक्रिया में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) मतदाताओं के घर जाकर उन्हें गणना प्रपत्र की दो प्रतियां प्रदान कर रहे हैं और उनसे फॉर्म भरवाने का कार्य कर रहे हैं।

हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान लोगों में यह चिंता उत्पन्न हो गई है कि यदि उनका नाम मतदाता सूची से कट जाता है, तो क्या वे फिर से इसे जोड़वा सकेंगे? या इससे उनकी नागरिकता पर कोई प्रश्न उठेगा। आइए, जानते हैं कि SIR प्रक्रिया क्या है और यदि वोटर लिस्ट से नाम कट जाता है तो क्या विकल्प हैं?


मतदाताओं को भरना होगा गणना प्रपत्र

मतदाताओं को भरना होगा Enumeration Form

वर्तमान में एसआईआर प्रक्रिया के तहत बीएलओ मतदाताओं के घर-घर जाकर उन्हें गणना प्रपत्र दे रहे हैं। यदि किसी मतदाता का नाम 2002 या 2003 की वोटिंग लिस्ट में है, तो उन्हें अपने माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी के नाम को लिंक करना होगा और अपनी नई तस्वीर के साथ फॉर्म भरकर बीएलओ को जमा करना होगा। इस समय बीएलओ को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। फॉर्म जमा करने पर बीएलओ हस्ताक्षर कर दूसरा फॉर्म वापस कर देगा और एक फॉर्म अपने पास रखेगा.

मतदाता सूची में नाम कटने पर क्या करें? जानें SIR प्रक्रिया के बारे में

यदि बीएलओ आपके घर पर आते हैं और आप उपस्थित नहीं हैं, तो कोई समस्या नहीं है। बीएलओ आपके घर में तीन बार चेक करेंगे। यह आवश्यक नहीं है कि मतदाता सूची में जिन सदस्यों का नाम है, वे सभी उस समय उपस्थित रहें। घर का कोई एक सदस्य इस प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।

यदि आप घर से बाहर हैं या किसी अन्य शहर में हैं, तो आप ऑनलाइन माध्यम से भी गणना प्रपत्र भर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको अपने वोटर कार्ड को अपने मोबाइल नंबर से पहले लिंक करना होगा। मोबाइल नंबर से लिंक होने के बाद ही आप ऑनलाइन फॉर्म भर सकेंगे.


यदि नाम वोटर लिस्ट में नहीं है

2002 के वोटर लिस्ट में नहीं है नाम

यदि आपका नाम या आपके माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी का नाम 2002 या 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है, तो भी आप गणना प्रपत्र भर सकते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग की ओर से आपको नोटिस दी जाएगी और आपकी सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान आपको चुनाव आयोग द्वारा बताए गए 10 दस्तावेजों में से कुछ पेश करने होंगे, जैसे पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल प्रमाणपत्र, स्थानीय अधिकारी द्वारा जारी डोमिसाइल सर्टिफिकेट आदि.

बीएलओ का कार्य पूरा होने के बाद चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट की ड्राफ्ट लिस्ट जारी की जाएगी। इस ड्राफ्ट लिस्ट में मतदाता अपना नाम ऑनलाइन देख सकते हैं और यदि आपका नाम उसमें नहीं है, तो आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए चुनाव आयोग ने लगभग एक माह का समय दिया है। उसके बाद आवश्यक दस्तावेज दिखाकर आप अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा सकते हैं.


यदि नाम कट गया तो क्या करें?

वोटर लिस्ट से कट गया नाम तो क्या करेंगे?

यदि आपका नाम फाइनल वोटर लिस्ट में किसी कारणवश नहीं आता है, तो चिंता की कोई बात नहीं है। आप सामान्य प्रक्रिया के तहत अपना नाम मतदाता सूची में जोड़वा सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से या बीएलओ से संपर्क करके आप अपना नाम मतदाता सूची में जोड़वा सकते हैं। इसके लिए आपको एड्रेस प्रूफ और आवश्यक कागजात देने होंगे। एसआईआर केवल मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया है। यदि किसी कारणवश आपका नाम मतदाता सूची में नहीं शामिल होता है, तो आप चुनाव आयोग की प्रक्रिया का पालन करते हुए इसे जोड़वा सकते हैं.

वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया वही रहेगी, जो सामान्यतः होती आई है। एसआईआर केवल मतदाता सूची को अपडेट करने का कार्य है। योग्य मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में शामिल करना और मृत मतदाताओं का नाम हटाना इसका मुख्य उद्देश्य है। लोगों में यह चिंता है कि क्या वोटर लिस्ट में नाम नहीं रहने से नागरिकता पर कोई असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी कारणवश वोटर लिस्ट में नाम कट जाता है, तो इससे नागरिकता को लेकर कोई प्रश्न नहीं उठेगा.

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