मतदाता सूची के पुनरीक्षण में सख्ती: दो जगह से फॉर्म भरने पर होगी सजा

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान दो जगह से फॉर्म भरने पर सजा का प्रावधान किया है। उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि डिजिटल माध्यम से ऐसे मतदाताओं की पहचान की जाएगी। जानें इस प्रक्रिया की महत्वपूर्ण तिथियां और बीएलओ की भूमिका के बारे में।
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मतदाता सूची के पुनरीक्षण में सख्ती: दो जगह से फॉर्म भरने पर होगी सजा

मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण

मतदाता सूची के पुनरीक्षण में सख्ती: दो जगह से फॉर्म भरने पर होगी सजा

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देश के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) चल रहा है। उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगी। इस दौरान, विभिन्न अधिकारियों को एसआईआर प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नियुक्त किया गया है।

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए निर्देश दिया है कि कोई भी मतदाता दो स्थानों से गणना प्रपत्र नहीं भरे। यदि ऐसा होता है, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-31 के तहत एक साल की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि किसी मतदाता के नाम दो स्थानों पर हैं, तो उसे केवल एक स्थान से फॉर्म भरकर जमा करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि चुनाव आयोग डिजिटल माध्यम से ऐसे मतदाताओं को आसानी से पहचान सकेगा जो दो जगह से फॉर्म भरते हैं।

एक ही जगह भरें फॉर्म

उन्होंने कहा कि यदि किसी मतदाता का नाम गांव और शहर दोनों जगह है, तो उसे उस स्थान का फॉर्म भरना चाहिए, जहां वह वोटर बने रहना चाहता है। 27 अक्टूबर को मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया गया है।

इसलिए, यदि कोई उत्तर प्रदेश का निवासी मुंबई, दिल्ली या किसी अन्य शहर में रह रहा है और वहां का वोटर है, तो उसे वहीं फॉर्म भरना चाहिए। एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एक व्यक्ति का नाम केवल एक जगह पर हो।

उत्तर प्रदेश में एसआईआर की प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगा। अंतिम सूची 7 फरवरी, 2026 को जारी की जाएगी।

महत्वपूर्ण तिथियां

फॉर्म 4 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच वितरित और संकलित किए जाएंगे। इसके बाद, 9 दिसंबर को मसौदा प्रकाशित होगा, और 9 दिसंबर से 8 जनवरी, 2026 तक आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी। सत्यापन की अवधि 9 दिसंबर से 31 जनवरी, 2026 तक होगी, और अंतिम प्रकाशन 7 फरवरी, 2026 को होगा।

एसआईआर का दूसरा चरण

विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का दूसरा चरण 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा है। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य 321 जिलों और 1,843 विधानसभा क्षेत्रों में एसआईआर का संचालन करना है।

बीएलओ की भूमिका

बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की जिम्मेदारी है कि वह निर्धारित क्षेत्रों में जाकर फॉर्म वितरित करें। मतदाता फॉर्म भरकर उन्हें वापस कर सकते हैं। यदि कोई मतदाता उपलब्ध नहीं है, तो उसके परिवार का सदस्य आवश्यक जानकारी भरकर बाद में बीएलओ को दे सकता है।

विशेष रूप से उन नागरिकों के लिए सत्यापन प्रक्रिया होगी, जिनका नाम 2023 की मतदाता सूची में नहीं है। उन्हें अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

यदि परिवार के किसी सदस्य का निधन हो गया है या वह बाहर चला गया है, तो परिवार को एक पीले फॉर्म के माध्यम से बीएलओ को सूचित करना होगा ताकि उनका नाम सूची से हटाया जा सके।

इसके अलावा, मतदाता अपने गणना फॉर्म को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1950 या 1800-180-1950 पर संपर्क करें।