मतदाता सूची के पुनरीक्षण में बीएलओ की भूमिका और प्रक्रिया
मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया
SIR के लिए फॉर्म वितरित करते बीएलओ.
भारत के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य चल रहा है। चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है कि कोई भी योग्य नागरिक छूट न जाए और अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो। आयोग का उद्देश्य मतदाता सूची को पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है।
मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर वोटर्स को गणना फार्म वितरित कर रहे हैं। आयोग के निर्देशानुसार, बीएलओ मतदाता के घर पर तीन बार जाएंगे। यदि मतदाता या उसके परिवार का कोई सदस्य नहीं मिला या गणना फार्म पर हस्ताक्षर नहीं किए गए, तो मतदाता सूची से नाम काटा जा सकता है।
हालांकि, आयोग ने यह भी कहा है कि यदि आप घर पर नहीं हैं, तो आप अपने समय के अनुसार बीएलओ का अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। बीएलओ के संपर्क नंबर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। विधानसभा केंद्र और मतदान केंद्र में बीएलओ की नियुक्ति की गई है। मतदाता आयोग की वेबसाइट पर जाकर बीएलओ का नंबर प्राप्त कर सकते हैं।
गणना प्रपत्र का वितरण और प्रक्रिया
वोटर्स को दो प्रतियों में मिलेगा गणना प्रपत्र फॉर्म
चुनाव आयोग ने बताया है कि बीएलओ 4 दिसंबर तक मतदाताओं के घर जाएंगे। बीएलओ दो प्रतियों में वोटर को गणना प्रपत्र देंगे। मतदाता को प्रपत्र भरने में बीएलओ सहायता करेंगे। यदि वोटर्स के पास जानकारी है, तो वे फॉर्म भर सकते हैं, लेकिन गणना प्रपत्र पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है। आमतौर पर, बीएलओ एक बार जाकर वोटर को फॉर्म देते हैं और फिर कुछ दिन बाद भरे हुए गणना प्रपत्र को इकट्ठा करते हैं। बीएलओ मतदाता को पावती प्रपत्र भी प्रदान कर रहे हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, गणना प्रपत्र में नया फोटो लगाना आवश्यक है। वोटर को किसी भी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। यदि SIR 2002-03 में मतदाता का नाम है, तो उसे फॉर्म की बाईं ओर भरना होगा, और यदि नाम नहीं है, तो दाईं ओर भरना होगा। फॉर्म में पिता, माता के वोटर आईडी नंबर और आधार कार्ड नंबर भी भरना होगा।
फॉर्म नहीं भरने वाले मतदाताओं की पहचान
फॉर्म नहीं भरने वाले मतदाताओं को चिह्नित करेगा चुनाव आयोग
यदि बीएलओ मतदाता को फॉर्म नहीं दे पाते हैं, तो ऐसे वोटर्स को जिला चुनाव कार्यालय द्वारा चिह्नित किया जाएगा और उनकी विलोपन सूची जारी की जाएगी। SIR के बाद 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होगी, जिसमें ऐसे मतदाताओं का नाम नहीं होगा।
यदि किसी मतदाता का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है, तो इस पर 8 जनवरी तक आपत्ति एवं दावा किया जा सकता है। मतदाता को नोटिस जारी की जाएगी और दस्तावेजी गवाही ली जाएगी। गवाही और दस्तावेजों की जांच के बाद मतदाता सूची में नाम शामिल किया जाएगा। यदि कोई आपत्ति या दावा नहीं किया गया, तो नाम काट दिया जाएगा।
चुनाव आयोग ने कहा है कि ऐसे वोटर्स को 9 से 31 दिसंबर के बीच नोटिस भेजे जाएंगे। इसके बाद उनकी सुनवाई और समीक्षा होगी। दावा और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। गणना प्रपत्रों पर चुनाव रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निर्णय लेंगे। SIR की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी, और इसी सूची के आधार पर अगले विधानसभा चुनाव होंगे।
बीएलओ की जिम्मेदारियां
BLO की क्या हैं जम्मेदारियां
- हर वोटर/इलेक्टर को यूनिक एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) बांटना।
- इलेक्टर को उनके नाम या उनके रिश्तेदार के नाम से पिछले बदलाव में मैच/लिंक करने में मदद करना।
- नाम, जन्म की तारीख और जगह, पता, पिता/गार्जियन का नाम वगैरह जैसी सभी डिटेल्स वेरिफाई करना।
- नए इलेक्टर्स को शामिल करने के लिए फॉर्म 6 और डिक्लेरेशन फॉर्म इकट्ठा करना, और मैच/लिंक करने में मदद करना।
- इलेक्टर को EF भरने में मदद करना, उसे इकट्ठा करना और ERO को जमा करना।
- हर इलेक्टर के घर कम से कम 3 बार जाना।
- मर चुके या परमानेंटली शिफ्ट हुए वोटर्स और एक से ज्यादा जगहों पर रजिस्टर्ड वोटर्स की पहचान करना।
- मान्यता प्राप्त पॉलिटिकल पार्टियों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) के साथ मिलकर काम करना।
