मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तीन उग्रवादियों को किया गिरफ्तार

मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला कार्यकर्ता भी शामिल है। ये गिरफ्तारियां जबरन वसूली के मामलों से जुड़ी हैं। पिछले कुछ वर्षों में मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में।
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मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तीन उग्रवादियों को किया गिरफ्तार

मणिपुर में उग्रवादियों की गिरफ्तारी

सुरक्षा बलों ने मणिपुर में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े तीन उग्रवादियों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी साझा की।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को इंफाल पश्चिम जिले के हाओबाम मारक क्षेत्र से प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक महिला सदस्य को गिरफ्तार किया गया।


अधिकारी के अनुसार, वह जबरन वसूली के मामलों में संलिप्त थी और उसने इंफाल क्षेत्र में अधिकारियों और कूरियर सेवा के संचालकों को धमकाने का काम किया।


इसके अलावा, बृहस्पतिवार को इंफाल पश्चिम जिले के समुरु से प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी) के एक सक्रिय सदस्य को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया।


अधिकारी ने बताया कि उसके पास से एक पिस्तौल भी बरामद की गई।


इसके अतिरिक्त, बुधवार को इंफाल पूर्वी जिले के खुरई थांगजाम लेइकाई क्षेत्र में एक अन्य प्रतिबंधित संगठन प्रेपक (प्रो) के कार्यकर्ता को उसके घर से गिरफ्तार किया गया।


उसके पास से भी एक पिस्तौल और गोला-बारूद मिला है।


दो साल पहले जातीय हिंसा के बाद से सुरक्षा बल मणिपुर में लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं। मई 2023 में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।


मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया था। राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, जिसका कार्यकाल 2027 तक है।