मणिपुर में उग्रवादियों की गिरफ्तारी: जबरन वसूली और अवैध हथियार रखने के आरोप

मणिपुर में सुरक्षा बलों ने तीन प्रतिबंधित संगठनों के पांच उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। इन पर जबरन वसूली और अवैध हथियार रखने के आरोप हैं। पुलिस ने बताया कि इनमें से एक आरोपी के पास से कई हथियार और कारतूस बरामद हुए हैं। राज्य में उग्रवादियों की गिरफ्तारी की यह कार्रवाई सुरक्षा बलों द्वारा की गई है, जो हाल के समय में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रयासरत हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुरक्षा बलों की रणनीतियों के बारे में।
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मणिपुर में उग्रवादियों की गिरफ्तारी: जबरन वसूली और अवैध हथियार रखने के आरोप

मणिपुर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई

मणिपुर के बिष्णुपुर, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों में सुरक्षा बलों ने तीन प्रतिबंधित संगठनों के पांच उग्रवादियों को जबरन वसूली और अवैध हथियार रखने के आरोप में पकड़ा है। यह जानकारी पुलिस ने सोमवार को साझा की।


अधिकारियों के अनुसार, प्रतिबंधित संगठन 'यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट' (यूएनएलएफ-पंबेई) के एक सक्रिय सदस्य को शनिवार को बिष्णुपुर जिले के तौबुल मयाई लेईकाई से गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान थौदम बॉबी सिंह (50) के रूप में हुई है।


पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से एक .303 राइफल, मैगजीन, विभिन्न राइफलों की पांच मैगजीन, एक हथगोला, 501 कारतूस और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। यूएनएलएफ (पी) ने 2023 में केंद्र के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।


हालांकि, इसके सदस्यों को जबरन वसूली, अवैध हथियार रखने और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों में बार-बार गिरफ्तार किया जाता रहा है।


रविवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों से चार और उग्रवादियों को पकड़ा गया। इनमें प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (सिटी मेइती) के दो उग्रवादी और केसीपी (पीडब्ल्यूजी) तथा केसीपी (इबुंगो नगांगोम समूह) के एक-एक उग्रवादी शामिल हैं।


पुलिस ने कहा, 'ये उग्रवादी संगठन बड़े पैमाने पर जबरन वसूली में लिप्त रहे हैं।' इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने एक संयुक्त जबरन वसूली रोधी प्रकोष्ठ का गठन किया है, जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, राज्य पुलिस, सेना और असम राइफल्स शामिल हैं।