मणिपुर में अफीम की खेती पर बड़ी कार्रवाई, 470 एकड़ भूमि नष्ट

मणिपुर के पहाड़ी जिलों में हाल ही में सुरक्षा बलों ने 470 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली अफीम की खेती को नष्ट किया। इस कार्रवाई में कई झोपड़ियों को भी जलाया गया। जानें इस अभियान की पूरी जानकारी और इसके पीछे के कारण।
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मणिपुर में अफीम की खेती पर बड़ी कार्रवाई, 470 एकड़ भूमि नष्ट

मणिपुर में अफीम की खेती का नाश

मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में हाल के दिनों में कई अभियानों के तहत 470 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली अफीम की खेती को समाप्त किया गया है। यह जानकारी पुलिस ने रविवार को साझा की।


एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त दल ने शनिवार को कांगपोकपी जिले के लोइबोल खुल्लेन गांव में 20 एकड़ से अधिक भूमि पर अफीम की फसल को नष्ट किया।


इसके अलावा, जिले के कोटलेन गांव में एक और अभियान के दौरान पुलिस ने सीआरपीएफ और वन अधिकारियों के साथ मिलकर लगभग 20 एकड़ में फैली अफीम की खेती को नष्ट किया।


इस कार्रवाई में खेती के लिए उपयोग की गई पांच झोपड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। सुरक्षा बलों ने अन्य सरकारी एजेंसियों के सहयोग से उखरुल जिले में सोमदल, लामलाई चिंगफेई और लिटन की पहाड़ियों पर 11 से 15 नवंबर के बीच व्यापक स्तर पर अफीम की खेती को नष्ट करने का अभियान चलाया।


इस अभियान के दौरान लगभग 436 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को नष्ट किया गया और वहां स्थित 51 झोपड़ियों को भी जलाया गया।