भोपाल में संजीवनी क्लीनिकों में फर्जी अटेंडेंस का मामला उजागर
मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिकों में फर्जीवाड़ा
भोपाल में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिकों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। यहां कुछ चिकित्सकों द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए फर्जी तरीके से अटेंडेंस लगाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह खुलासा सीएमएचओ कार्यालय की नियमित समीक्षा के दौरान हुआ, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इस मामले में 13 डॉक्टरों के वेतन में कटौती के आदेश जारी किए गए हैं.
सार्थक एप में गड़बड़ी, 25 डॉक्टरों को नोटिस
सीएमएचओ कार्यालय ने सार्थक एप के डेटा की गहन जांच की, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इस फर्जी अटेंडेंस के मामले में 25 डॉक्टरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनमें से 13 डॉक्टरों के वेतन में 7 दिन से लेकर एक महीने तक की कटौती की गई है.
500 किलोमीटर दूर से डॉक्टर की हाजिरी
जांच में एक हैरान करने वाला मामला गौतम नगर स्थित मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक से सामने आया, जहां डॉ. संजीव सिंह की अटेंडेंस क्लिनिक से लगभग 500 किलोमीटर दूर से दर्ज की गई। इसके अलावा, उनकी रोजाना की अटेंडेंस भी क्लिनिक से 11-12 किलोमीटर दूर से लग रही थी, जिससे स्पष्ट होता है कि डॉक्टर कई बार क्लिनिक नहीं आए, फिर भी वे रोस्टर में ड्यूटी पर उपस्थित थे.
एक आईडी पर कई चेहरे
फर्जीवाड़े का एक और मामला बाग मुगालिया संजीवनी क्लीनिक से सामने आया, जहां डॉ. मिनहाज की आईडी से सार्थक एप पर अपलोड की गई तस्वीरों में विभिन्न लोगों के चेहरे थे। इसका मतलब यह है कि डॉ. मिनहाज की जगह अन्य लोग फोटो खिंचवाकर अटेंडेंस लगा रहे थे.
सीएमएचओ की सख्त चेतावनी
भोपाल के सीएमएचओ मनीष शर्मा ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद मरीजों को उनके क्षेत्र में इलाज प्रदान करना था। यदि डॉक्टर इस तरह गायब रहेंगे, तो आम जनता का इलाज कौन करेगा? भविष्य में सार्थक एप की निगरानी को सख्त किया जाएगा और किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी.
