भोपाल में बिजली बिल में बदलाव: उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
बिजली उपभोक्ताओं को नया झटका
भोपाल में नए साल की शुरुआत के साथ, 33,000 से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को एक महत्वपूर्ण बदलाव का सामना करना पड़ेगा। बिजली कंपनी ने बिलिंग के तरीके में बदलाव करते हुए किलोवॉट के स्थान पर किलो वोल्ट एम्पियर (KVA) से बिलिंग करने का निर्णय लिया है। इस परिवर्तन का प्रभाव यह होगा कि उपभोक्ताओं को अनुपयोगी बिजली के लिए भी बिल चुकाना होगा, जिससे बड़े संस्थानों और उद्योगों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा।
इस बदलाव के कारण इन उपभोक्ताओं के बिजली बिल में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। यह दर बढ़ाने का एक अप्रत्यक्ष तरीका है, जिसे मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को 2026-27 के लिए प्रस्तावित टैरिफ में शामिल किया गया है। KVA को प्रकट शक्ति के रूप में भी जाना जाता है, जो सप्लाई की गई कुल बिजली को दर्शाता है।
आयोग को प्रस्ताव भेजा गया
बिजली कंपनी ने अपना एआरआर प्रस्ताव आयोग को प्रस्तुत किया है, जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव शामिल हैं। आयोग के निर्णय के आधार पर ही दर और विधि निर्धारित की जाएगी। – क्षितिज सिंघल, एमडी, मध्यक्षेत्र।
बिलिंग का नया तरीका
बिजली का बिल अब किलोवॉट के बजाय किलो वोल्ट एम्पियर के आधार पर तैयार किया जाएगा। किलोवॉट वास्तविक बिजली खपत को दर्शाता है, जबकि किलो वोल्ट एम्पियर में बिजली की हानि भी शामिल होती है। यदि परिसर में पुराने उपकरण या वायरिंग के कारण तकनीकी हानि होती है, तो वह भी उपभोक्ताओं के बिल में जुड़ जाएगी। वर्तमान में 33,000 एचटी उपभोक्ता इस बदलाव के दायरे में आएंगे।
बिजली कंपनी को मिलने वाले लाभ
लाइन लॉस में कमी।
ट्रांसफार्मर और केबल पर कम दबाव।
सिस्टम की विश्वसनीयता में वृद्धि।
बिल केवीए पर स्थानांतरित
इसका उद्देश्य पावर फैक्टर में सुधार करना है।
ग्रिड पर अनावश्यक लोड को कम करना।
बिजली आपूर्ति को अधिक कुशल बनाना।
उपभोक्ताओं को तकनीकी रूप से जिम्मेदार बनाना।
जिले में बिजली लाइन के तकनीकी लॉस को कम करने के लिए पिछले 15 वर्षों में 3000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें एचवीडीएस सिस्टम का विकास, नई लाइनें बिछाना, फीडर सेपरेशन और ट्रांसफार्मर-सब स्टेशन की क्षमता में वृद्धि शामिल है। यह औसत 15 प्रतिशत है, जो अब बिलिंग सिस्टम में उपभोक्ताओं पर प्रभाव डालेगा।
लापरवाही से बढ़ेगा बिल
KVA के आधार पर बिलिंग से केवल वही उपभोक्ता लाभान्वित होंगे जो बिजली का सही उपयोग करेंगे। लापरवाह उपभोक्ताओं का बिल बढ़ जाएगा। यदि किसी परिसर में बिजली आपूर्ति करने वाला ट्रांसफार्मर, वायरिंग, और उपकरण नए और बेहतर हैं, तो किलोवॉट और KVA में कोई अंतर नहीं होगा। लेकिन जहां पुराने उपकरण और वायरिंग हैं, वहां बिजली का पावर फैक्टर खराब होगा, जिससे बिल में वृद्धि होगी।
बिजली बिल न भरने पर कनेक्शन काटा गया
राजधानी के कोटरा क्षेत्र में पीएम आवास योजना के गंगानगर में निगम द्वारा बिजली बिल का भुगतान न करने पर बिजली कंपनी ने कनेक्शन काट दिया। इससे रविवार को ब्लॉक सी-1 और सी-3 की लिफ्ट 10 घंटे तक बंद रहीं। नौ मंजिला इमारत में रहने वाले लोगों को विशेष रूप से परेशानी का सामना करना पड़ा। जब लिफ्ट मेंटेनेंस स्टाफ से संपर्क किया गया, तो पता चला कि बिजली बिल बकाया होने के कारण सप्लाई काट दी गई है।
काफी हंगामे और अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद शाम 6 बजे बिजली बहाल की गई। ब्लॉक सी-1 के फ्लैट नंबर 602 में रहने वाले 62 वर्षीय परशुराम कुम्हरे ने बताया कि उनकी पत्नी की हाल ही में सर्जरी हुई है, और लिफ्ट बंद होने से उन्हें सीढ़ियों से ले जाने में कठिनाई हुई। नगर निगम के अपर आयुक्त तन्मय शर्मा ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है, लेकिन इसकी जांच कराई जाएगी और आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
