भोपाल में नगर निगम का नया घोटाला: 240 मीटर नाली के लिए 16 टन सरिया का उपयोग
भोपाल में नगर निगम का घोटाला

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी में एक नया घोटाला सामने आया है, जिसमें नगर निगम की संबल योजना के बाद अब सरिया घोटाले का खुलासा हुआ है। यहां 240 मीटर लंबी नाली को ढंकने के लिए 16,139 किलो सरिया का उपयोग दर्शाया गया है।
भोपाल के संगम क्षेत्र में केवल 240 मीटर की नाली को ढंकने के लिए इतनी बड़ी मात्रा में सरिया का उपयोग किया गया। यह तब उजागर हुआ जब एक इंजीनियर ने मेजर बुक में इस काम के लिए 16 टन सरिया का उल्लेख किया।
जांच का आदेश
ईई ने जारी किया जांच का खत
जब 240 मीटर के काम में 16 टन सरिया की जानकारी मिली, तो ईई बृजेश कौशल ने निरीक्षण के लिए एक पत्र जारी किया। इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट कमिश्नर संस्कृति जैन को प्रस्तुत की जाएगी।
काम की लागत
लाखों में हुआ काम
जानकारी के अनुसार, कृष्णा आर्केड और वैष्णव परिसर में नाली का आरसीसी कार्य किया जाना था। इसके लिए 25 जून 2025 को 13,34,288 रुपये की मंजूरी दी गई थी। इसमें 240 मीटर नाली को सरिया के माध्यम से कंक्रीट से ढंकना था।
काम पूरा होने के बाद, नवंबर में प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर निशांत तिवार ने मेजरमेंट से संबंधित रिकॉर्ड प्रस्तुत किए, जिसमें 240 मीटर लंबी और 3 मीटर चौड़ी नाली के कवर का उल्लेख था।
सरिया का गबन
कागजों में 16 टन सरिया
काम के बाद इंजीनियर की मेजर बुक में छोटे से काम के लिए 16,000 किलो से अधिक लोहे का उपयोग दर्शाया गया। निगम के इंजीनियर बिना साइट पर जाकर ही लाखों का बिल पास करवाना चाहते थे। हालांकि, संस्कृति जैन ने नाली की कोर-कटिंग के आदेश दिए थे।
5 दिसंबर को नोटिस जारी होने और 8 दिसंबर को साइट निरीक्षण के बावजूद, ईई कौशल ने अब तक निगम कमिश्नर को कोर कटिंग की रिपोर्ट नहीं दी।
नाली की कोर कटिंग
नाली की कोर कटिंग
5 दिसंबर को नोटिस मिलने के बाद, कार्यपालन यंत्री बृजेश कौशल ने इंचार्ज असिस्टेंट सिविल इंजीनियर तिवारी और सब इंजीनियर रूपांकन वर्मा को पत्र लिखकर जांच की बात कही। एक स्थान पर नाली की खुदाई की गई, जहां कम मात्रा में सरिया पाया गया। यह संदेह है कि आरसीसी को कवर करने के बहाने लोहे का गबन किया गया है।
हालांकि, जिम्मेदारों ने निर्माण के दौरान साइट का निरीक्षण नहीं किया। जब मामला सामने आया, तो निगम कार्यपालन यंत्री कौशल ने दोनों इंजीनियरों को पत्र लिखे और 8 दिसंबर को साइट का निरीक्षण किया।
