बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक कुत्ते के काटने से मरी भैंस ने पूरे गांव में भय का माहौल बना दिया है। एक तेरहवीं के अवसर पर बने रायते को लेकर रेबीज का डर इतना बढ़ गया कि सैकड़ों ग्रामीण अस्पताल जाकर इंजेक्शन लगवा रहे हैं।
यह मामला उझानी कोतवाली क्षेत्र के पिपरौल गांव का है, जहां एक व्यक्ति की तेरहवीं में दावत रखी गई थी, जिसमें रायता परोसा गया। यह रायता गांव के प्रमोद साहू की भैंस के दूध से तैयार किया गया था।
स्थानीय लोगों के अनुसार, कुछ दिन पहले प्रमोद की भैंस को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद भैंस में रेबीज के लक्षण दिखाई दिए और अंततः उसकी मौत हो गई।
भैंस की मौत के बाद गांव में यह अफवाह फैल गई कि जिस मट्ठे से रायता बनाया गया था, उसे खाने वाले लोगों में भी रेबीज फैल सकता है। इस डर ने गांव में हड़कंप मचा दिया। लोग अपने घरों को छोड़कर अस्पताल की ओर दौड़ने लगे। स्थिति यह हो गई कि लगभग 200 लोग अस्पताल पहुंचे और जिन्होंने दावत में रायता खाया था, उन्होंने एहतियात के तौर पर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाने का निर्णय लिया।
इस बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ पहुंचने से स्वास्थ्य विभाग में भी हलचल मच गई। सीएमओ ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक भैंस की रेबीज से मौत हुई है। इसके बाद निर्देश दिए गए कि जिन लोगों ने रायता खाया है, वे एहतियातन एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवा लें।
उन्होंने कहा कि रेबीज का इलाज बहुत सीमित होता है, इसलिए यदि कोई संदेह हो तो वैक्सीन लगवाना आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दूध को उबालने से रेबीज का खतरा काफी कम हो जाता है, इसलिए घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है.
