भूकंप ने बिहार में मचाई हलचल, नेपाल और तिब्बत में भी महसूस हुए झटके

मंगलवार की सुबह बिहार में भूकंप ने तेज झटके दिए, जिससे लोग घरों से बाहर भागने लगे। इसका केंद्र तिब्बत के पास नेपाल में था, और झटके बांग्लादेश, भूटान और चीन में भी महसूस किए गए। जानें भूकंप के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।
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भूकंप ने बिहार में मचाई हलचल, नेपाल और तिब्बत में भी महसूस हुए झटके

भूकंप का प्रभाव


पटना. मंगलवार की सुबह बिहार में भूकंप ने लोगों को हिला दिया। सुपौल और मधुबनी सहित कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र तिब्बत के पास नेपाल सीमा के निकट बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और चीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर में सुबह 6:40 बजे भूकंप के झटके आए। जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी मिली, वे अपने घरों से बाहर भागने लगे। यूएसजीएस के अनुसार, नेपाल में भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई।


बिहार में भूकंप के झटके

मंगलवार की सुबह, जब लोग सर्दी और कोहरे से बचने के लिए रजाई में दुबके हुए थे, तब लगभग 6:45 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। सुपौल में तीन बार झटके आए। पटना, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, गोपालगंज और अन्य जिलों में भी लोगों ने इन झटकों का अनुभव किया। नींद में डूबे लोग जब पंखा और पलंग हिलते देखे तो वे घर से बाहर भागने लगे। खुले स्थानों पर जाकर उन्होंने खुद को सुरक्षित किया। जब स्थिति सामान्य हुई, तो लोग वापस लौटने लगे, लेकिन फिर से भूकंप के झटके आए, जिससे लोग फिर से बाहर भागने लगे। बिहार के अलावा, सिक्किम और उत्तर बंगाल में भी ये झटके महसूस किए गए। तिब्बत में भूकंप की तीव्रता 6.8 रही।


भूकंप के कारण

भूकंप आने पर यह जानने की जिज्ञासा बढ़ जाती है कि इसके पीछे का कारण क्या है। धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं जो लगातार गतिशील रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या रगड़ खाती हैं, तो एक-दूसरे के ऊपर चढ़ जाती हैं या उनसे दूर हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप धरती डोलने लगती है, जिसे हम भूकंप कहते हैं। भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर पैमाने का उपयोग किया जाता है।