भारतीय सेना ने यूके से खरीदी लाइट वेट मॉड्यूलर मिसाइल, हवाई हमलों को करेगी नष्ट

भारतीय सेना ने हाल ही में यूके से लाइट वेट मॉड्यूलर मिसाइल प्रणाली का अधिग्रहण किया है, जो हवाई लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है। यह हल्की और पोर्टेबल प्रणाली ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में भी कार्य कर सकती है। इसके साथ, सेना की हवाई सुरक्षा में और मजबूती आएगी, जिससे सीमा पर ड्रोन और अन्य हवाई खतरों का त्वरित नाश संभव होगा। जानें इस मिसाइल की विशेषताएँ और इसके उपयोग के बारे में।
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भारतीय सेना ने यूके से खरीदी लाइट वेट मॉड्यूलर मिसाइल, हवाई हमलों को करेगी नष्ट

भारतीय सेना की नई मिसाइल प्रणाली

भारतीय सेना ने यूके से खरीदी लाइट वेट मॉड्यूलर मिसाइल, हवाई हमलों को करेगी नष्ट

सेना ने ब्रिटेन से खरीदा लाइट वेट मॉड्यूलर मिसाइल

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारतीय सेना ने अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। हाल ही में, सेना ने थेल्स, यूके से लाइट वेट मॉड्यूलर मिसाइल (LMM) प्रणाली का अधिग्रहण किया है। यह मिसाइल प्रणाली हल्की और पोर्टेबल है, जिसे ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में भी आसानी से स्थापित किया जा सकता है।

यूके का यह लाइट वेट मॉड्यूलर मिसाइल सिस्टम अत्यधिक प्रभावी है। सेना के अनुसार, यह मिसाइल लेजर बीम राइडिंग तकनीक का उपयोग करती है, जिससे यह आधुनिक हवाई लक्ष्यों को भी निशाना बना सकती है। यह हेलीकॉप्टर, विमान, ड्रोन और यूसीएवी जैसे हवाई लक्ष्यों को 6 किलोमीटर से अधिक दूरी पर मार करने में सक्षम है और सभी मौसमों में कार्य करती है। इस प्रणाली के आने से सीमा पर हवाई हमलों को प्रभावी ढंग से नष्ट किया जा सकेगा।

हवाई खतरों का त्वरित नाश

इस मिसाइल में उन्नत साइटिंग सिस्टम, प्रॉक्सिमिटी फ्यूज और उच्च विस्फोटक वारहेड शामिल हैं, जिससे एक ही शॉट में लक्ष्य को नष्ट करने की संभावना बढ़ जाती है। सेना ने बताया कि यह प्रणाली विशेष रूप से उच्च स्तर के ड्रोन और यूएवी का पता लगाने और नष्ट करने के लिए खरीदी गई है। इस मिसाइल के आगमन से भारतीय सेना की हवाई सुरक्षा में और मजबूती आएगी, जिससे सीमा पर ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को जल्दी नष्ट किया जा सकेगा।

मिसाइल की विशेषताएँ

इस मिसाइल को मार्टलेट्स के नाम से भी जाना जाता है। सेना के अनुसार, यह हवा से सतह, हवा से हवा, सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें हैं। इसे थेल्स एयर डिफेंस द्वारा विकसित किया गया है। इसका नाम पौराणिक मार्टलेट पक्षी के नाम पर रखा गया है, जो कभी घोंसला नहीं बनाता। यह नाम अंग्रेजी हेराल्ड्री से लिया गया है.