भारतीय सेना को पाकिस्तान के खिलाफ तैयार रहने की सलाह: जनरल अनिल चौहान

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना को पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले हिंसक कृत्यों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहने की सलाह दी है। उन्होंने सैन्य तैयारी की उच्च स्तर की आवश्यकता और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की रणनीतियों पर जोर दिया। जनरल चौहान ने यह भी कहा कि भारत को तकनीकी रूप से अपने विरोधियों से आगे रहना होगा। उनके बयान में युद्ध और शांति के बीच के अंतर को कम करने की बात भी शामिल है।
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भारतीय सेना को पाकिस्तान के खिलाफ तैयार रहने की सलाह: जनरल अनिल चौहान

सीडीएस जनरल अनिल चौहान का बयान

भारतीय सेना के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि सेना को पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले किसी भी प्रकार के हिंसक कृत्यों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के 'पूर्ण-आयामी प्रतिरोध सिद्धांत' को चुनौती देने की आवश्यकता है, और यह भी कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान के किसी भी क्षेत्र में छिप नहीं सकते।


सैन्य तैयारी की आवश्यकता

वार्षिक 'ट्राइडेंट' व्याख्यान श्रृंखला के उद्घाटन सत्र में जनरल चौहान ने सैन्य तैयारी के उच्च स्तर की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने कहा कि सेना को चौबीसों घंटे और साल के 365 दिन तैयार रहना चाहिए।


उन्होंने यह भी बताया कि युद्ध और शांति के बीच का अंतर बहुत कम है, और यह दोनों एक-दूसरे में विलीन होते जा रहे हैं। जनरल चौहान ने कहा, 'हमें अपरंपरागत और परमाणु क्षेत्रों के बीच पारंपरिक अभियानों के लिए अधिक स्थान बनाने की आवश्यकता है।'


आतंकवादियों का सामना

जनरल चौहान ने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान की धरती पर कहीं भी छिप नहीं सकते। उन्होंने भारतीय सेना की क्षमता पर जोर दिया कि उसे दूरस्थ और गतिशील लक्ष्यों को भेदने में सक्षम होना चाहिए।


उन्होंने कहा, 'हमें पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली किसी भी हिंसात्मक कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा, चाहे वह राज्य के तत्वों द्वारा हो या गैर-राज्य तत्वों द्वारा। यह एक नया मानदंड है जिसे हमें समझना होगा।'


परमाणु नीति और तकनीकी बढ़त

सीडीएस ने यह भी कहा कि अब भारत की परमाणु नीति पर अधिक निर्भरता होगी, जो पारंपरिक सैन्य अभियानों की नींव बन गई है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत को अपने विरोधियों की तुलना में तकनीकी रूप से आगे रहना होगा।