भारतीय सेना का वॉलीबॉल टूर्नामेंट: सामुदायिक जुड़ाव और नशे के खिलाफ जागरूकता
भारतीय सेना का सामुदायिक प्रयास
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सद्भावना के अंतर्गत राजौरी जिले के केरी गांव में एक अंतर-गांव वॉलीबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में स्थानीय युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा मिला।
प्रतिभागियों की राय
प्रतिभागी तस्कीन इकबाल ने बताया कि उन्होंने यहां कई टूर्नामेंट खेले हैं। उन्होंने कहा कि सेना नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करती है। यह एक सीमावर्ती क्षेत्र है, और यहां होने वाले 70 प्रतिशत टूर्नामेंट सेना द्वारा आयोजित किए जाते हैं। मैं भारतीय सेना का आभार व्यक्त करता हूं।
नशे के खिलाफ जागरूकता
इकबाल ने आगे कहा कि ये टूर्नामेंट नशे के आदी लोगों को उनकी लत से छुटकारा पाने में मदद करते हैं। जब युवा ऐसे आयोजनों में भाग लेते हैं, तो अन्य लोग भी प्रेरित होते हैं। खेल प्रतियोगिताएं नशे के आदी लोगों को अपनी लत छोड़ने में सहायता करती हैं। कई युवा इस लत से बाहर आ चुके हैं। अगर इन युवाओं को खेल खेलने के लिए मैदान पर लाया जाए, तो वे नशीले पदार्थों से दूर रहेंगे।
स्थानीय निवासियों की प्रशंसा
एक अन्य स्थानीय निवासी, संजय कुमार ने टीमों की अनुशासित भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस टूर्नामेंट में कम से कम 10-12 टीमें भाग ले रही हैं और खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की है। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में भारतीय सेना की सतर्कता और समर्पण की भी प्रशंसा की।
सेना का योगदान
कुमार ने कहा कि यह भारतीय सेना का ही योगदान है कि हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। मैं इस तरह के टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए सेना को धन्यवाद देता हूं और युवाओं को सकारात्मक दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करता हूं। भारतीय सेना हमेशा हमारे साथ है, चाहे वह टूर्नामेंट हो या चिकित्सा सुविधाएं।
खेल का महत्व
यह वॉलीबॉल टूर्नामेंट केवल एक खेल आयोजन नहीं था, बल्कि सेना ने युवाओं में अनुशासन, टीम वर्क और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कम से कम 10-12 टीमों की भागीदारी इस पहल की लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाती है।
नशे के खिलाफ खेलकूद
खेलकूद और खेल भावना को बढ़ावा देकर, इस क्षेत्र में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और मादक द्रव्यों की लत को रोकने में एक महत्वपूर्ण साधन बन गए हैं।
