भारतीय सिनेमा में क्रांति लाने वाला 'बाहुबली: द बिगिनिंग' का 10वां वर्ष

इस लेख में हम 'बाहुबली: द बिगिनिंग' के 10 साल पूरे होने पर चर्चा करेंगे, जो भारतीय सिनेमा में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली फिल्म मानी जाती है। एस एस राजामौली की अद्वितीय दृष्टि और प्रभास के शानदार अभिनय ने इस फिल्म को एक ऐतिहासिक कृति बना दिया। जानें कैसे इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा के मानकों को बदल दिया और इसे एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया।
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भारतीय सिनेमा में क्रांति लाने वाला 'बाहुबली: द बिगिनिंग' का 10वां वर्ष

भारतीय सिनेमा का नया अध्याय

आपने सोचा होगा कि भारतीय फिल्में कभी भी हॉलीवुड की FX-प्रेरित फिल्मों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगी? फिर से सोचें! एस एस राजामौली, जिन्होंने 'मक्खी' में एक मक्खी को हीरो बनाया था, ने एक बार फिर एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत किया जो भारतीय सिनेमा के लिए पहले कभी संभव नहीं था।


'बाहुबली' ने अपने अद्भुत दृश्यों के साथ, जो विशाल पहाड़ों और बहती नदियों के बीच फिल्माए गए थे, हॉलीवुड की किसी भी फिल्म से अधिक शानदार दिखता है। यह एक पुरानी कहानी को एक ऐसे तरीके से प्रस्तुत करता है जो पहले के प्रयासों को फीका और अव्यवस्थित बना देता है।


राजामौली की महाकाव्य भाषा पर पकड़ गहन विश्लेषण की योग्य है। वह दृश्य माध्यम से प्रेम करते हैं, हर फ्रेम को इस तरह से संवारते हैं कि उत्कृष्टता एक स्वाभाविक परिणाम बन जाती है।


'बाहुबली' में राजनैतिक महत्वाकांक्षाएं, भाई-भाई का द्वंद्व, और रोमांस का एक अद्भुत मिश्रण है, जो दर्शकों को एक दिव्य अनुभव में ले जाता है। यह फिल्म एक ऐसे साम्राज्य की कहानी है जो भव्यता से भरी हुई है, और राजामौली ने इसे एक अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत किया है।


फिल्म में शानदार दृश्य हैं जो एक परी कथा की कहानी को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हैं। 'बाहुबली' को एक 'क्षेत्रीय' फिल्म के रूप में देखना कठिन है। इसकी कलात्मकता इतनी ऊँची है कि यह दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।


प्रभास, जो 'बाहुबली' के नायक हैं, ने इस फिल्म के लिए दो साल का समय दिया। राजामौली ने कहा कि उन्हें एक ऐसे अभिनेता की आवश्यकता थी जो न केवल भव्यता का प्रतीक हो, बल्कि एक कोमल हृदय भी रखता हो।


राजामौली का मानना है कि उनकी फिल्में भारतीय कहानियों से प्रेरित हैं और यह उनके काम में स्पष्ट है। 'बाहुबली' की युद्ध दृश्य लगभग आधे घंटे लंबी है, जो प्राचीन वीरता और देशभक्ति की भावना को समर्पित है।


राजामौली ने कहा कि 'बाहुबली' केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि एक घटना है। हर फ्रेम एक कहानी कहता है और इसकी दृश्य भव्यता अद्वितीय है।