भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और साहसिकता

भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका तेजी से बढ़ रही है, जो न केवल उनकी क्षमता को दर्शाती है बल्कि देश की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दिशा में महिलाओं की सराहना की है, विशेषकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान। बीएसएफ में भी महिला अधिकारियों ने साहसिकता का परिचय दिया है। इसके अलावा, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिलाओं की सफलता ने एक नया इतिहास रचा है। जानें कैसे ये महिलाएं देश की सुरक्षा को मजबूत कर रही हैं।
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भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और साहसिकता

महिलाओं की भूमिका का महत्व

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारत की रक्षा क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है, साथ ही भारतीय सैन्य बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनकी अग्रिम मोर्चे पर लड़ने की क्षमता भी सामने आई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'नारी शक्ति' की सराहना करते हुए बताया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रभावी कार्रवाई में महिला पायलटों ने पाकिस्तान में ठिकानों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में सशस्त्र बलों की सभी शाखाओं में महिलाओं की सक्रिय और प्रभावी भागीदारी रही। गोवा में आईएनएसवी तारिणी के फ्लैग-इन समारोह में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी से सशस्त्र बलों में उत्कृष्टता आई है।


महिला नौसेना अधिकारियों की सराहना

रक्षा मंत्री ने गोवा में दो महिला नौसेना अधिकारियों, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए की भी प्रशंसा की, जिन्होंने 'नाविका सागर परिक्रमा' के सफल समापन के बाद घर लौटकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने इन अधिकारियों के साहस और प्रतिबद्धता की सराहना की, जिन्होंने आठ महीनों में 25,600 समुद्री मील की यात्रा की।


बीएसएफ में महिलाओं की भूमिका

बीएसएफ में भी महिलाओं की भूमिका बढ़ी है। सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक पाकिस्तानी चौकी के निकट स्थित सीमा चौकी की कमान संभालते हुए दुश्मन की चौकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उनके साथ छह महिला कांस्टेबल भी थीं, जिन्होंने तीन दिनों तक चले टकराव में अपने पुरुष समकक्षों के साथ मिलकर पाकिस्तान को जवाब दिया। बीएसएफ के महानिरीक्षक शशांक आनंद ने इस ऑपरेशन में महिलाओं की भूमिका की सराहना की।


एनडीए में महिलाओं की सफलता

पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक 17 महिला कैडेट का पहला बैच शुक्रवार को 300 से अधिक पुरुष कैडेट के साथ 'पासिंग आउट परेड' में शामिल होकर एक नया इतिहास रच चुका है। यह एनडीए में पुरुष और महिला कैडेट का पहला सह-शिक्षा बैच है।


महिलाओं की जिम्मेदारियां

भारतीय महिलाएं सियाचिन की ऊंचाइयों से लेकर महासागर की गहराइयों तक कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रही हैं, जिससे देश की सुरक्षा और भी मजबूत हो रही है। भारत-पाक सैन्य संघर्ष के दौरान, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने आधिकारिक प्रेस वार्ताओं में भाग लेकर यह संदेश दिया कि देश महिला सशक्तिकरण की दिशा में कितनी प्रगति कर चुका है।