भारतीय संचार परंपरा पर जोर देते हुए प्रो. संजय द्विवेदी ने पत्रकारिता में संवाद की आवश्यकता बताई

रांची में 'स्पंदन' कार्यक्रम के दौरान प्रो. संजय द्विवेदी ने भारतीय संचार परंपरा की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। उन्होंने पत्रकारिता में संवाद की आवश्यकता और मीडिया की सामाजिक जिम्मेदारियों पर विचार साझा किए। कार्यक्रम में झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने भी मीडिया की भूमिका पर चर्चा की। प्रतिभाशाली पूर्व विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया, जिसमें कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रही। इस आयोजन ने पत्रकारिता के क्षेत्र में बदलाव लाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
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भारतीय संचार परंपरा पर जोर देते हुए प्रो. संजय द्विवेदी ने पत्रकारिता में संवाद की आवश्यकता बताई

रांची में 'स्पंदन' कार्यक्रम में विचार साझा करते हुए

रांची, झारखंड। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि भारतीय संचार परंपरा का हर संवाद लोक कल्याण और संकटों के समाधान के लिए होता है, जबकि पश्चिमी पत्रकारिता विवाद और संघर्ष को जन्म देती है। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें अपनी पत्रकारिता में भारतीय संचार के मूल्यों को अपनाना चाहिए, ताकि मीडिया के माध्यम से एक सुंदर दुनिया का निर्माण हो सके।


 


वे रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के पूर्व छात्रों के संगठन जर्नलिज्म ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन (जोसारू) द्वारा आयोजित 'स्पंदन' कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। प्रो. द्विवेदी ने विभाग के शिक्षकों और छात्रों को 38 वर्षों की उत्कृष्ट यात्रा के लिए बधाई दी। उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे विवाद की बजाय संवाद की पत्रकारिता को प्राथमिकता दें।


मीडिया की जिम्मेदारी: समाज और प्रशासन पर नजर रखना

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए झारखंड के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह समाज, सरकार और प्रशासनिक तंत्र पर नजर रखे। उन्होंने बताया कि झारखंड में महिलाएं खून की कमी और बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। मीडिया को इन मुद्दों पर सक्रियता से काम करना चाहिए और सामाजिक दायित्व निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के माध्यम से बड़े बदलाव संभव हैं।


 


उन्होंने यह भी कहा कि रांची विश्वविद्यालय के इस विभाग ने कई प्रतिभाशाली पत्रकारों को जन्म दिया है।


साहित्यकारों की राय और विभाग की प्रगति

साहित्यकार प्रोफेसर ऋता शुक्ल ने कहा कि इस विभाग के मीडिया छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि रांची विश्वविद्यालय का यह विभाग एक कमरे से शुरू हुआ था, लेकिन अब इसे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति अंजनी कुमार मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा, पत्रकारिता संस्थान के निदेशक वसंत झा, उपनिदेशक डॉ. विष्णु महतो ने अपने विचार साझा किए। जोसारू के अध्यक्ष चंदन मिश्र ने स्वागत भाषण दिया और संचालन सुधीर पाल ने किया।


प्रतिभाशाली पूर्व विद्यार्थियों का सम्मान

इस आयोजन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ प्रतिभाशाली पूर्व विद्यार्थियों और पिछले पांच वर्षों के टॉपर्स को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संजय खंडेलवाल, अजय कुकरेती, डॉ. भीम प्रभाकर, अविनाश कुमार, प्रणव कुमार बब्बू, अभिषेक शास्त्री, मोमिता और गौरी की उपस्थिति रही।