भारतीय वायुसेना के मिग-21 का अंत: एक ऐतिहासिक सफर

भारतीय वायुसेना के मिग-21 का सफर अब समाप्त होने जा रहा है। इस फाइटर जेट ने कई युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके रिटायरमेंट की घोषणा सितंबर 2025 में की गई है। जानें मिग-21 की ऐतिहासिक उपलब्धियों, इसके युद्ध में योगदान और विभिन्न देशों में इसके उपयोग के बारे में। यह विमान न केवल भारतीय वायुसेना का गौरव रहा है, बल्कि इसके साथ कई दर्दनाक कहानियाँ भी जुड़ी हैं।
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भारतीय वायुसेना के मिग-21 का अंत: एक ऐतिहासिक सफर

भारतीय वायुसेना का गौरवमयी इतिहास

आज हम भारतीय वायुसेना के अद्भुत इतिहास, बलिदान की कहानियों और शौर्य की गाथाओं पर चर्चा करेंगे। पांच साल पहले, फरवरी में, बालाकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने भारतीय वायुसीमा में घुसपैठ की, जिसे हमारे वायु योद्धाओं ने सफलतापूर्वक खदेड़ दिया। इस दौरान, विंग कमांडर अभिनंदन ने पुराने मिग-21 से पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया। भारत के पास कई आधुनिक लड़ाकू विमान हैं, लेकिन मिग-21 का उपयोग अक्सर किया गया है। इसे भारतीय वायुसेना का सबसे पुराना फाइटर जेट माना जाता है, जिसे 1964 में सेना में शामिल किया गया था। अब, मिग-21 के रिटायरमेंट की तारीख आ गई है। भारतीय वायुसेना ने घोषणा की है कि सितंबर 2025 तक सभी मिग-21 फाइटर जेट्स को रिटायर कर दिया जाएगा।


मिग-21 का युद्ध में योगदान

दुश्मनों के खिलाफ मिग-21 की सफलता

मिग-21 को हवाई युद्ध में एके-47 के समान माना जाता है, जो इसकी घातक मारक क्षमता को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मिग-21 ने अब तक युद्ध में सबसे अधिक दुश्मन विमानों को गिराया है, जो लगभग 120 के आसपास है। अब तक 11,000 से अधिक मिग-21 फाइटर जेट्स का निर्माण किया जा चुका है, जो दुनिया में सबसे बड़ा आंकड़ा है। हालांकि, मिग-21 के साथ भारतीय वायुसेना के इतिहास में कई दुखद घटनाएं भी जुड़ी हैं, जिसमें कई पायलटों की जान गई है।


विभिन्न देशों में मिग-21 का उपयोग

आज भी सक्रिय मिग-21

हालांकि मिग-21 के दुर्घटनाओं का इतिहास है, यह आज भी दुनिया का सबसे पुराना ऑपरेशनल फाइटर जेट है। कई देश जैसे यमन, युगांडा, सूडान, मोजांबीक, माली और अंगोला अब भी इस विमान का उपयोग कर रहे हैं। वहीं, सीरिया, लीबिया, उत्तर कोरिया, अजरबैजान और क्यूबा जैसे देशों की वायुसेना ने मिग-21 का कुछ अपग्रेडेड वर्जन अपनाया है। भारतीय वायुसेना में मिग-21 बाइसन की दो स्क्वॉड्रन हैं, कोबरा और पैंथर्स। नए फाइटर जेट्स के आगमन का इंतजार किया जा रहा है।


स्क्वॉड्रन नंबर प्लेटिंग की प्रक्रिया

स्क्वॉड्रन नंबर प्लेटिंग का महत्व

स्क्वॉड्रन कोबरा और 23 स्क्वॉड्रन पैथर्स की नंबर प्लेटिंग की जाएगी। इसका अर्थ है कि ये स्क्वॉड्रन सक्रिय नहीं हैं, लेकिन भविष्य में नए एयरक्राफ्ट के साथ फिर से सक्रिय हो सकती हैं। नंबर प्लेटिंग के दौरान, स्क्वॉड्रन के पास मौजूद संसाधनों को अन्य स्क्वॉड्रन में स्थानांतरित किया जाता है। जब नए एयरक्राफ्ट आएंगे, तो पुरानी स्क्वॉड्रन अपने इतिहास और परंपरा के साथ फिर से सक्रिय हो जाएगी।


मिग-21 का ऐतिहासिक महत्व

मिग-21: एक ऐतिहासिक फाइटर जेट

1960 के दशक का मिग-21 एक बेहतरीन फाइटर जेट है, जिसे अपग्रेड कर मिग-21 बाइसन नाम दिया गया। भारत ने 1961 में पाकिस्तान के संदर्भ में इसे खरीदने का निर्णय लिया और 1964 में इसे वायुसेना में शामिल किया गया। मिग-21 का उपयोग 1965 और 1971 की जंग में किया गया, और 1971 में ढाका के गवर्नर हाउस पर हमला भी इसी विमान से किया गया था। कारगिल युद्ध में भी मिग-21 की क्षमताओं का प्रदर्शन हुआ था।