भारतीय रेलवे में इलेक्ट्रिक ट्रेनों की बिजली आपूर्ति प्रणाली

भारतीय रेलवे में इलेक्ट्रिक ट्रेनों की बिजली आपूर्ति प्रणाली में कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं। जानें कि कैसे ये ट्रेनें बिना किसी रुकावट के चलती हैं और उन्हें आवश्यक बिजली कैसे मिलती है। इस लेख में हम पेंटोग्राफ के उपयोग, बिजली की आपूर्ति के स्रोत और ट्रेन के संचालन के पीछे की तकनीकी जानकारी पर चर्चा करेंगे।
 | 
भारतीय रेलवे में इलेक्ट्रिक ट्रेनों की बिजली आपूर्ति प्रणाली

भारतीय रेलवे का विकास

हर दिन लाखों यात्री भारतीय रेलवे की ट्रेनों से यात्रा करते हैं। आपने भी कभी न कभी ट्रेन से यात्रा की होगी। समय के साथ, रेलवे में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। आजादी के बाद से भारत ने अपने रेलवे नेटवर्क में कई सुधार किए हैं, जिनमें से एक है इलेक्ट्रिक इंजन का उपयोग। वर्तमान में, अधिकांश ट्रेनें बिजली से संचालित होती हैं, जिससे उनकी गति में भी वृद्धि हुई है।


ट्रेन को बिजली कैसे मिलती है?

क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन को बिजली कैसे मिलती है? जब ट्रेन लंबी यात्रा पर होती है, तो उसे पावर कैसे मिलती है? रेलवे के अनुसार, इलेक्ट्रिक ट्रेनों को 25,000 वोल्ट (25KV) की आवश्यकता होती है। यह करंट इंजन के ऊपर लगे पेंटोग्राफ के माध्यम से पहुंचता है, जो ट्रेन के ऊपर की तारों से संपर्क करता है।


पेंटोग्राफ का उपयोग

इलेक्ट्रिक ट्रेनों में दो प्रकार के पेंटोग्राफ का उपयोग किया जाता है। डबल डेकर यात्री ट्रेनों के लिए WBL पेंटोग्राफ का उपयोग होता है, जबकि सामान्य ट्रेनों में हाई स्पीड पेंटोग्राफ का प्रयोग किया जाता है। पेंटोग्राफ के माध्यम से करंट लगातार मिलता रहता है, जो इलेक्ट्रिक इंजन के मुख्य ट्रांसफार्मर में 25KV का करंट पहुंचाता है।


इलेक्ट्रिक ट्रेन में सिस्टम

जब ट्रेन रेलवे ट्रैक पर चलती है, तो उस पर वजन उत्पन्न होता है, जिससे मेटल ट्रैक से जुड़ा स्प्रिंग संकुचित हो जाता है। इससे रैक, पिनियन मैकेनिज्म और चेन ड्राइव में गति उत्पन्न होती है। यह गति फ्लाईव्हील, रेक्टिफायर और डीसी मोटर से गुजरते हुए बिजली उत्पन्न करती है।


बिजली की आपूर्ति

रेलवे को बिजली सीधे पावर ग्रिड से मिलती है, जो पावर प्लांट से सप्लाई होती है। यह बिजली सब स्टेशनों पर भेजी जाती है, जहां से रेलवे को सीधे 132 KV की सप्लाई मिलती है। इसके बाद, 25KV OHE को प्रदान किया जाता है। रेलवे स्टेशनों के पास इलेक्ट्रिसिटी के सब स्टेशन आसानी से देखे जा सकते हैं। सीधे बिजली की आपूर्ति के कारण यहां ट्रिपिंग की समस्या नहीं होती है।