भारतीय युवाओं के विदेश जाने पर वायुसेना प्रमुख की चिंता

भारतीय युवाओं का विदेश जाकर बसना एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत को सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को बनाए रखने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने बेहतर प्रोत्साहन और कार्य वातावरण की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भविष्य की तैयारियों पर भी चर्चा की। इस लेख में जानें कि कैसे ये मुद्दे भारत की रक्षा क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
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भारतीय युवाओं के विदेश जाने पर वायुसेना प्रमुख की चिंता

भारतीय युवाओं का विदेश में बसना

भारत से बाहर जाकर बसने की प्रवृत्ति युवा पीढ़ी में बढ़ती जा रही है। इस गंभीर मुद्दे पर समय-समय पर कई विचार व्यक्त किए गए हैं। हाल ही में, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने भी इस विषय पर अपनी चिंता जाहिर की।


रक्षा अनुसंधान में प्रतिभाओं की कमी

गुरुवार को, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास में शीर्ष प्रतिभाओं को बनाए रखने में भारत की असमर्थता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश को सर्वश्रेष्ठ पेशेवरों को आकर्षित करने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि कई कुशल लोग विदेश जा रहे हैं। सीआईआई वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2025 में उन्होंने भारत के रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए बेहतर प्रोत्साहन, वेतन और कार्य वातावरण की आवश्यकता पर जोर दिया।


प्रोत्साहन और कार्य वातावरण की आवश्यकता

उन्होंने कहा, "हमें प्रौद्योगिकी में बदलाव लाने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन की आवश्यकता है। यह स्पष्ट है कि 'प्रोत्साहन से लोग नहीं मिलते, बल्कि पर्यावरण से लोग मिलते हैं।' हमें एक ऐसा माहौल बनाना होगा जो सर्वश्रेष्ठ लोगों को आकर्षित करे।


ऑपरेशन सिंदूर की सफलता

एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह की यह टिप्पणी ऑपरेशन सिंदूर के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद आई है, जिसे उन्होंने एक "राष्ट्रीय जीत" बताया। इस अभियान ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों और सशस्त्र बलों के बीच पेशेवर समन्वय को प्रदर्शित किया।


भविष्य की तैयारी

उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य के लिए तत्पर रहना चाहिए। "हमें शीघ्रता से कार्य शुरू करने की आवश्यकता है। हमें मेक इन इंडिया कार्यक्रमों पर तेजी से काम करना चाहिए ताकि हम तत्काल आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।"


समयसीमा और उत्पादन की चुनौतियाँ

सिंह ने उद्योग को समयसीमा के बारे में अतिशयोक्तिपूर्ण वादे करने से भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "एक बार समयसीमा दे दी जाए, तो कोई भी परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है।"


संरचनात्मक परिवर्तन की आवश्यकता

उन्होंने कहा कि हमें केवल भारत में उत्पादन की बात नहीं करनी चाहिए, बल्कि डिजाइनिंग और विकास भी शुरू करना चाहिए।


निजी क्षेत्र की भागीदारी

एयर चीफ मार्शल ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की भागीदारी का स्वागत किया और इसे सरकार के बढ़ते विश्वास का संकेत बताया।