भारतीय मूल के CEO पर अमेरिका में 4000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप
अमेरिका में धोखाधड़ी का मामला
अमेरिका में धोखाधड़ी, भारतीय CEO निशाने पर
अमेरिका के टेलीकॉम क्षेत्र में एक कंपनी अचानक सुर्खियों में आ गई है। इसका कारण है 50 करोड़ डॉलर, जो लगभग 4,000 करोड़ रुपये के बराबर है, का कथित वित्तीय घोटाला। इस विवाद में भारतीय मूल के सीईओ बंकिम ब्रह्मभट्ट शामिल हैं, जो अमेरिका में ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस कंपनियों के मालिक हैं।
मामले का विवरण
एक प्रमुख अमेरिकी समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी निवेश फर्मों में से एक की एक शाखा और अन्य बड़े ऋणदाता अब ब्रह्मभट्ट से अपने करोड़ों डॉलर की वसूली के लिए प्रयासरत हैं। इन ऋणदाताओं ने अगस्त में अदालत में एक मुकदमा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों पर उनका 50 करोड़ डॉलर से अधिक का बकाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में फ्रांस के बैंक ने भी भूमिका निभाई थी, जिसने ब्रह्मभट्ट के ऋण वित्तपोषण में मदद की थी। हालांकि, बैंक ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
विवाद का कारण
यह मामला एसेट-बेस्ड फाइनेंसिंग नामक एक विशेष प्रकार के ऋण सौदे से संबंधित है। इस प्रणाली में कंपनियां अपने व्यवसाय से आने वाले निश्चित राजस्व या संपत्तियों को संपार्श्विक के रूप में रखकर ऋण लेती हैं।
यह तरीका सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि उधार देने वाली संस्था के पास किसी वास्तविक संपत्ति के रूप में गारंटी होती है। लेकिन हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में वृद्धि के साथ धोखाधड़ी और घाटे की घटनाएं भी बढ़ी हैं।
बंकिम ब्रह्मभट्ट का बयान
बंकिम ब्रह्मभट्ट ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनके वकील का कहना है कि यह मामला केवल व्यावसायिक असहमति का है, न कि किसी प्रकार की धोखाधड़ी या जानबूझकर की गई गड़बड़ी। फिलहाल, यह मामला अमेरिकी अदालत में विचाराधीन है और जांच जारी है।
महत्वपूर्णता
यह विवाद इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें एक प्रमुख निवेश कंपनी, एक बड़ा बैंक और एक भारतीय मूल का उद्यमी शामिल हैं। यह घटना अमेरिकी ऋण बाजार के उस हिस्से पर सवाल उठाती है, जो अब तक काफी हद तक नियामक निगरानी से बाहर रहा है।
