भारतीय नौसेना की 100वें स्वदेशी जहाज की उपलब्धि पर प्रमुख का बयान

भारतीय नौसेना ने हाल ही में स्वदेशी डिजाइन के 100वें जहाज की आपूर्ति की, जिसे नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने इसे समुद्री आत्मनिर्भरता और तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक माना। संगोष्ठी में ‘विजन 2047’ की रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई, जिसका उद्देश्य भारतीय नौसेना को आत्मनिर्भर बनाना है। इस अवसर पर वाई12652; (उदयगिरि) की आपूर्ति का भी उल्लेख किया गया, जो एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
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भारतीय नौसेना की 100वें स्वदेशी जहाज की उपलब्धि पर प्रमुख का बयान

नौसेना प्रमुख की सराहना

नौसेना के प्रमुख, एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने हाल ही में भारतीय नौसेना को स्वदेशी डिजाइन के 100वें जहाज की आपूर्ति के लिए सराहना की। उन्होंने इसे केवल संख्या के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि समुद्री आत्मनिर्भरता, तकनीकी उत्कृष्टता और रणनीतिक दृष्टिकोण के संदर्भ में भारत की प्रगति का प्रतीक बताया।


संगोष्ठी में संबोधन

त्रिपाठी ने मानेकशॉ सेंटर में आयोजित ‘जहाज निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण’ विषयक संगोष्ठी में डिजिटल माध्यम से अपने विचार साझा किए।


विजन 2047 का उद्देश्य

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नौसेना प्रमुख ने ‘विजन 2047’ की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसका लक्ष्य नवाचार, स्वदेशीकरण और उभरती प्रौद्योगिकियों के एकीकरण के माध्यम से भारतीय नौसेना को आत्मनिर्भर बल में परिवर्तित करना है।


ऐतिहासिक उपलब्धि

संगोष्ठी में एक जुलाई को वाई12652; (उदयगिरि) की आपूर्ति का उल्लेख किया गया, जो भारतीय नौसेना और युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा राष्ट्र को प्रदान किया गया 100वां युद्धपोत था।