भारतीय नौसेना का नया युद्धपोत 'अर्नाला' 18 जून को होगा कमीशन

भारतीय नौसेना 18 जून को विशाखापत्तनम में INS अर्नाला का कमीशन समारोह आयोजित करने जा रही है। यह युद्धपोत पनडुब्बी रोधी युद्धक श्रेणी का पहला जहाज है, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। इस समारोह की अध्यक्षता चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान करेंगे। INS अर्नाला की लंबाई 77 मीटर है और इसका वजन 14,90 टन से अधिक है। जानें इस जहाज की विशेषताएँ और इसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में।
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भारतीय नौसेना का नया युद्धपोत 'अर्नाला' 18 जून को होगा कमीशन

INS अर्नाला का कमीशन समारोह

भारतीय नौसेना 18 जून को विशाखापत्तनम में अपने डॉकयार्ड में पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले पानी के जहाज (ASW-SWC) श्रेणी का पहला युद्धपोत 'अर्नाला' कमीशन करने जा रही है। इस समारोह की अध्यक्षता चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान करेंगे।  नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस युद्धपोत में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जिसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस और एमईआईएल जैसी प्रमुख भारतीय रक्षा कंपनियों की उन्नत प्रणालियाँ शामिल हैं।


INS अर्नाला के महत्वपूर्ण तथ्य

- इस युद्धपोत का अधिकांश हिस्सा स्वदेशी है, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक सामग्री स्थानीय रूप से प्राप्त की गई है। अधिकांश प्रणालियाँ भारतीय रक्षा कंपनियों द्वारा विकसित की गई हैं।


- कुल 55 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) ने जहाज के विकास में योगदान दिया है, जिससे घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूती मिली है।


- INS अर्नाला की लंबाई 77 मीटर है और इसका कुल वजन 14,90 टन से अधिक है।


- इसमें डीजल इंजन-वॉटरजेट प्रणाली लगी है।


- भारतीय नौसेना इस युद्धपोत को पनडुब्बी रोधी युद्ध अभियानों में तैनात कर सकती है, जिसमें भूमिगत निगरानी, खोज और बचाव तथा कम तीव्रता वाले समुद्री मिशन शामिल हैं।


- जहाज का नाम महाराष्ट्र के वसई के ऐतिहासिक अर्नाला किले से प्रेरित है, जिसे मराठों ने 1737 में बनाया था।


- जहाज के शिखर पर नीले रंग की पृष्ठभूमि पर एक स्टाइलिश ऑगर शेल प्रदर्शित है, जो कठिन परिस्थितियों में लचीलापन और वर्चस्व का प्रतीक है।


- जहाज का आदर्श वाक्य, "अर्नावे शौर्यम", शिखर के नीचे देवनागरी में लिखा गया है, जिसका अर्थ है "समुद्र में वीरता"।


- इस समारोह का नेतृत्व जनरल अनिल चौहान करेंगे और इसकी मेज़बानी पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर करेंगे।


'अर्नाला' की विशेषताएँ

'अर्नाला' विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए सुसज्जित है, जिसमें सतह के नीचे निगरानी, खोज और बचाव मिशन शामिल हैं।


युद्धपोत की 80% से अधिक प्रणालियाँ स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं।


77 मीटर लंबाई और 1,490 टन से अधिक वजन वाला 'अर्नाला' डीजल इंजन-वॉटरजेट प्रणोदन प्रणाली द्वारा संचालित है।


विरासत और प्रतीकात्मकता

अर्नाला किले से प्रेरित: जहाज का नाम ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम पर रखा गया है, जो मराठों द्वारा 1737 में निर्मित था।


जहाज का बख्तरबंद: पतवार अर्नाला किले की लचीली पत्थर की दीवारों से प्रेरित है।


जहाज के शिखर पर एक स्टाइलिश बरमा है: जो सटीकता, शक्ति और सतर्कता का प्रतीक है।


कमीशनिंग समारोह

पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर इस समारोह की मेज़बानी करेंगे, जिसमें वरिष्ठ नौसेना नेता और जहाज निर्माण में शामिल हितधारक शामिल होंगे।