भारतीय नौसेना और ब्रिटिश रॉयल नेवी का अरब सागर में संयुक्त अभ्यास

भारतीय नौसेना की तैयारी
भारतीय नौसेना अरब सागर में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है। हाल ही में, भारतीय नौसेना ने ब्रिटेन की रॉयल नेवी के साथ मिलकर अरब सागर में एक महत्वपूर्ण अभ्यास किया। यह अभ्यास भारत को संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। 1971 में पाकिस्तान ने समुद्री मार्ग से भारत पर हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन भारतीय बलों ने उसे विफल कर दिया था। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद, दोनों देशों के बीच स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। हालांकि उस समय युद्ध टल गया था, लेकिन भारत को भविष्य में सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसी संदर्भ में, भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपने निर्धारित अभ्यास को जारी रखा।
अभ्यास की विशेषताएँ
भारतीय नौसेना की इकाइयों और ब्रिटिश रॉयल नेवी के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने उत्तरी अरब सागर में 'पैसेज' अभ्यास में भाग लिया, जो समुद्री सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि यह अभ्यास 9 और 10 जून को आयोजित किया गया। इसमें भारतीय नौसेना के स्टेल्थ फ्रिगेट 'आईएनएस तबर', पनडुब्बी और पी8आई विमान शामिल थे।
प्रवक्ता ने कहा, 'यह अभ्यास यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ किया गया, जिसमें 'एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स' और 'एचएमएस रिचमंड' जैसे पोत शामिल थे।' इस बहुआयामी नौसैन्य अभ्यास में हेलीकॉप्टरों का समन्वय, सामरिक युद्ध कौशल, पनडुब्बी विध्वंसक अभियान और अधिकारियों के बीच पेशेवर आदान-प्रदान शामिल था। यह संयुक्त अभ्यास भारतीय नौसेना और ब्रिटिश रॉयल नेवी के बीच बढ़ते सहयोग और समुद्री सुरक्षा के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।