भारतीय क्रिकेट में 18 नंबर की जर्सी पर विवाद: मुकेश कुमार का चयन

इंडिया ए की टीम इस समय इंग्लैंड में है, जहां मुकेश कुमार ने 18 नंबर की जर्सी पहनकर क्रिकेट प्रेमियों के बीच विवाद खड़ा कर दिया है। विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने के बाद इस जर्सी नंबर का उपयोग करने से फैंस नाराज हैं। कई लोग इसे कोहली के योगदान का अपमान मानते हैं और BCCI से इस नंबर को रिटायर करने की मांग कर रहे हैं। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और कोहली का 18 नंबर के साथ गहरा संबंध।
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भारतीय क्रिकेट में 18 नंबर की जर्सी पर विवाद: मुकेश कुमार का चयन

इंग्लैंड दौरे पर इंडिया ए की टीम

इंडिया ए की टीम वर्तमान में इंग्लैंड के दौरे पर है, जहां वह इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ दो अनऑफिशियल टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेल रही है। इस दौरे के दौरान, भारत की सीनियर टीम भी इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए जाएगी.


विराट कोहली का अनुपस्थित रहना

इस दौरे में विराट कोहली शामिल नहीं होंगे, क्योंकि उन्होंने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है। इस बीच, कैंटरबरी में चल रहे अनऑफिशियल टेस्ट में भारतीय तेज गेंदबाज मुकेश कुमार 18 नंबर की जर्सी में खेलते हुए दिखाई दिए, जिसने क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक नई बहस को जन्म दिया है.


18 नंबर की जर्सी का विवाद

यह जर्सी नंबर लंबे समय से विराट कोहली से जुड़ा रहा है, और उनके टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने के बाद इसे किसी अन्य खिलाड़ी को सौंपने से फैंस की भावनाएं आहत हुई हैं। सोशल मीडिया पर कई फैंस इस बात से नाराज हैं कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इतनी जल्दी इस नंबर को किसी और को दे दिया। कई लोगों का मानना है कि कोहली के योगदान को देखते हुए BCCI को 18 नंबर की जर्सी को रिटायर कर देना चाहिए.


मुकेश कुमार का ट्रिब्यूट?

कुछ फैंस का मानना है कि मुकेश कुमार ने विराट कोहली को सम्मान देने के लिए 18 नंबर की जर्सी पहनी है। दूसरी ओर, BCCI ने पहले भी कुछ दिग्गज खिलाड़ियों की जर्सी नंबर को रिटायर किया है, जैसे सचिन तेंडुलकर की 10 नंबर और महेंद्र सिंह धोनी की 7 नंबर की जर्सी। हालांकि, रोहित और विराट अभी भी वनडे फॉर्मेट में सक्रिय हैं, इसलिए उनकी जर्सी को रिटायर करना कठिन है.


विराट कोहली और 18 नंबर का महत्व

विराट कोहली का 18 नंबर की जर्सी के साथ एक गहरा व्यक्तिगत और पेशेवर संबंध है। यह नंबर उनके लिए केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों का प्रतीक है। कोहली ने 18 अगस्त को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी, और उनके पिता का निधन 18 दिसंबर, 2006 को हुआ था, जिससे यह नंबर उनके लिए भावनात्मक रूप से विशेष बन गया है.