भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती: नवंबर में बढ़ी खपत और ग्रोथ

हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था ने नवंबर में मजबूत प्रदर्शन किया है। शहरी क्षेत्रों में खपत में वृद्धि और बाजार में गतिविधियों की निरंतरता ने आर्थिक विकास को बनाए रखा है। RBI के अनुसार, जुलाई से सितंबर की तिमाही में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, ब्याज दरों में कटौती और नीतियों के समन्वय ने मांग को बढ़ावा दिया है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या खास है।
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भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती: नवंबर में बढ़ी खपत और ग्रोथ

भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार

भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती: नवंबर में बढ़ी खपत और ग्रोथ

भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार


हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक रिपोर्ट आई है। केंद्रीय बैंक ने बताया है कि शहरी उपभोक्ता मांग के चलते नवंबर में आर्थिक विकास की गति बनी रही। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने नवीनतम मासिक बुलेटिन में कहा है कि नवंबर में अर्थव्यवस्था ने मजबूत प्रदर्शन किया। इसका मुख्य कारण शहरी क्षेत्रों में बढ़ती खपत और लोगों के खर्च करने की प्रवृत्ति रही। त्योहारों के बाद भी बाजारों में हलचल बनी रही, जिससे आर्थिक गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई।


शहरों में खर्च बढ़ा, डिमांड मजबूत

RBI के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में खरीदारी और सेवाओं की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कारों, इलेक्ट्रॉनिक्स, दैनिक उपयोग की वस्तुओं और सेवा क्षेत्र में गतिविधियाँ बढ़ी हैं। उच्च-फ्रीक्वेंसी संकेतकों से यह स्पष्ट हुआ है कि त्योहारों के बाद भी नवंबर में अर्थव्यवस्था सक्रिय रही। इसका मतलब है कि लोग खर्च करने में संकोच नहीं कर रहे थे और बाजार में विश्वास बना हुआ था।


जुलाई-सितंबर तिमाही में शानदार ग्रोथ

केंद्रीय बैंक ने बताया कि जुलाई से सितंबर की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे तेज वृद्धि मानी जा रही है। RBI का कहना है कि वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अद्भुत लचीलापन दिखाया है। इसमें सरकार और रिजर्व बैंक की नीतियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


नीतियों से डिमांड को मिला सपोर्ट

RBI के अनुसार, वित्तीय, मौद्रिक और नियामक नीतियों के समन्वय से पूरे वर्ष अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। इस वर्ष की शुरुआत में सरकार ने कई उपभोक्ता उत्पादों पर करों में कमी की, जिससे घरेलू मांग को बढ़ावा मिला। साबुन से लेकर छोटी कारों तक कई चीजें सस्ती हुईं, जिससे आम लोगों का खर्च बढ़ा।


ब्याज दरों में कटौती से ग्रोथ को बढ़ावा

रिजर्व बैंक ने 2025 में अपनी मुख्य ब्याज दर में कुल 125 आधार अंकों की कटौती की। दिसंबर में भी 25 आधार अंकों की कमी की गई। RBI का कहना है कि महंगाई के नरम अनुमान को देखते हुए ये निर्णय लिए गए, ताकि विकास को और समर्थन मिल सके। कम ब्याज दरों से ऋण सस्ते हुए और निवेश व खपत को बढ़ावा मिला।


GDP अनुमान बढ़ा, महंगाई अनुमान घटा

केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, महंगाई का अनुमान 2.6 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया है। हालांकि, अगले वर्ष की पहली छमाही के लिए GDP ग्रोथ अनुमान को थोड़ा घटाकर 6.7 से 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है।


महंगाई अब भी कंट्रोल में

नवंबर में महंगाई बढ़कर 0.71 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो अक्टूबर में 0.25 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर थी। इसके बावजूद यह RBI के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी नीचे बनी हुई है। RBI के अनुसार, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में महंगाई में हल्की बढ़त हुई है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में डिफ्लेशन का प्रभाव समाप्त हो रहा है।