भारत सरकार ने आर्थिक सुधारों के लिए नए मंत्रियों के समूह का गठन किया

नई समितियों का गठन
भारत सरकार ने आर्थिक और सामाजिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए दो नए अनौपचारिक मंत्रियों के समूह (iGoMs) का गठन किया है। इन समूहों का नेतृत्व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नए कानूनों और नीतियों की आवश्यकता पर जोर दिया।
अमित शाह की अध्यक्षता वाला समूह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गठित 13 सदस्यीय समूह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, और रेलवे, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हैं। इस समूह का कार्यक्षेत्र वित्त, उद्योग, वाणिज्य, अवसंरचना, लॉजिस्टिक्स, विज्ञान-प्रौद्योगिकी और सुशासन में विधायी और नीतिगत सुधारों की रूपरेखा तैयार करना होगा। इसका मुख्य ध्यान अनुपालन भार कम करने, रोजगार सृजन, उत्पादकता में वृद्धि और पुराने अवरोधों को समाप्त करने पर होगा।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाला समूह
दूसरी ओर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 18 सदस्यीय समूह शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, कौशल विकास, सामाजिक कल्याण, आवास, श्रम और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सुधारों की संभावनाओं की जांच करेगा। इस समिति में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और श्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया शामिल हैं। यह समूह कानूनी सुधार, संस्थागत ढांचे में सुधार और बहुस्तरीय सुधारों की सिफारिश करेगा।
प्रगति रिपोर्ट और कार्यान्वयन
दोनों समूहों को हर महीने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी और तीन महीने के भीतर एक समेकित सुधार रोडमैप सौंपना होगा। इन समूहों को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग से सचिवालयीय सहयोग प्राप्त होगा। उन्हें विशेषज्ञों और अन्य मंत्रियों को आमंत्रित करने की स्वतंत्रता होगी। इन समूहों से केवल सलाह देने की अपेक्षा नहीं की गई है, बल्कि कार्यान्वयन योग्य सुधार योजनाएँ तैयार करने और उनके मापन योग्य परिणाम तय करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
अमित शाह की भूमिका
पिछले कुछ वर्षों में, गृहमंत्री अमित शाह की भूमिका केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं रही है, बल्कि उन्होंने आर्थिक मामलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जीएसटी सुधार में राज्यों और केंद्र के बीच सहमति बनाने में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। उन्होंने मुद्रास्फीति और खाद्य पदार्थों की कीमतों पर बैठकों की अध्यक्षता की है।
प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण
इन समितियों की संरचना यह दर्शाती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्णय लेने में तेजी और बाधाओं को दूर करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को जोड़कर यह सुनिश्चित किया गया है कि सुधार प्रस्ताव नीति-निर्धारण से सीधे क्रियान्वयन तक शीघ्र पहुँचें।
नए सुधारों की आवश्यकता
भारत की वर्तमान प्रशासनिक और आर्थिक संरचना में कई पुरानी नीतियाँ और नियम आज की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं। नए iGoMs का उद्देश्य न केवल सुधार सुझाना है, बल्कि "कार्यान्वित करने योग्य बदलाव" प्रस्तुत करना भी है। यदि ये मंत्री समूह व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करते हैं, तो यह भारत के विकसित राष्ट्र 2047 के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।