भारत में सर्वाइकल कैंसर: जानें लक्षण और बचाव के उपाय

सर्वाइकल कैंसर का बढ़ता खतरा
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. रुचिका गर्ग ने सर्वाइकल कैंसर के बारे में चिंताजनक आंकड़े साझा किए हैं। भारत में यह बीमारी तेजी से फैल रही है और विश्व के मुकाबले यहां 25% मामले सामने आ रहे हैं। सर्वाइकल कैंसर, जिसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है, गर्भाशय ग्रीवा में विकसित होता है।
सर्वाइकल कैंसर के कारण और बचाव
डॉ. गर्ग ने बताया कि यह कैंसर आमतौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है, जो यौन संबंधों के माध्यम से फैलता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, जिसे महिलाओं को समय पर लगवाना चाहिए।
हर 7 मिनट में एक महिला इस कैंसर के कारण अपनी जान गंवा रही है। हर साल लगभग 1 लाख महिलाएं इस बीमारी से मृत्यु को प्राप्त कर रही हैं। डॉ. गर्ग ने चेतावनी दी कि महिलाओं को इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए और समय पर वैक्सीन लगवानी चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
डॉ. गर्ग ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण सामान्य होते हैं, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। कुछ लक्षणों में सफेद पानी आना, गंदा बदबूदार पानी आना और यौन संबंध के बाद रक्तस्राव शामिल हैं। इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
महिलाएं हर पांच साल में HPV टेस्ट करवा सकती हैं, और पैनिकोलाउ (Pap) परीक्षण भी करवा सकती हैं। यह परीक्षण एस एन मेडिकल कॉलेज में मुफ्त में उपलब्ध है।
सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की उपलब्धता
डॉ. गर्ग ने बताया कि वर्तमान में सर्वाइकल वैक्सीन एसएन मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध नहीं है, लेकिन बाजार में यह उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इस वैक्सीन को जल्द ही मुफ्त में उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।