भारत में यूएनटीसीसी सम्मेलन: रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन पर जताई चिंता

नई दिल्ली में आयोजित यूएनटीसीसी सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि भारत वैश्विक नियमों के आधार पर व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दृढ़ है। इस सम्मेलन में 32 देशों के सैन्य अधिकारी शामिल हुए, जिन्होंने शांति अभियानों में सहयोग और नई चुनौतियों पर चर्चा की। जानें इस महत्वपूर्ण सम्मेलन की अन्य प्रमुख बातें।
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भारत में यूएनटीसीसी सम्मेलन: रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन पर जताई चिंता

यूएनटीसीसी सम्मेलन का उद्घाटन

भारत में यूएनटीसीसी सम्मेलन: रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन पर जताई चिंता

यूएनटीसीसी सम्मेलन.


नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सैनिक योगदानकर्ता देशों (यूएनटीसीसी) का सम्मेलन 2025 का औपचारिक उद्घाटन हुआ। यह सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था। भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में 32 देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और संयुक्त राष्ट्र के उच्च अधिकारी शामिल हुए।


राजनाथ सिंह का बयान

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ देश अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जबकि अन्य अपने खुद के मानदंड स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दृढ़ता से खड़ा है।


सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्ति

इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।


वैश्विक नियमों का उल्लंघन

राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ देश अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और कुछ इसे कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने भारत की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत पुरानी अंतरराष्ट्रीय संरचनाओं में सुधार की वकालत करता है।


हाइब्रिड युद्ध और गलत सूचना

सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भाग लेने वाले देशों को एक सशक्त और त्वरित प्रतिक्रिया वाला ढांचा तैयार करना होगा। उन्होंने हाइब्रिड युद्ध और गलत सूचना के संकट का भी उल्लेख किया।


भारत के नेतृत्व की सराहना

संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान विभाग के अवर महासचिव जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने भारत के नेतृत्व की सराहना की और सैन्य योगदान देने वाले देशों के महत्व पर जोर दिया।


द्विपक्षीय बैठकें

थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और वियतनाम के सेना प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भाग लिया। इन बैठकों का उद्देश्य रक्षा सहयोग को मजबूत करना और भविष्य के शांति अभियानों में समन्वय बढ़ाना था।