भारत में मानसून की तबाही: बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित राज्य

मानसून का कहर
इस बार देश में मानसून राहत के बजाय आफत बनकर आया है। जहां बारिश को आमतौर पर फसलों और जलस्रोतों के लिए वरदान माना जाता है, वहीं इस वर्ष यह विनाशकारी साबित हो रहा है। पंजाब बाढ़ की चपेट में है, जबकि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। उत्तराखंड में भी जनहानि और संपत्ति के नुकसान की खबरें आई हैं। दिल्ली और हरियाणा में बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है, जिससे ट्रैफिक जाम और जलभराव की समस्याएं बढ़ गई हैं.
भविष्य की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की नई चेतावनी ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है, क्योंकि कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। यह स्थिति जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को दर्शाती है। तेज बारिश, असामान्य बाढ़ और प्राकृतिक आपदाएं हमारी तैयारियों की कमी को उजागर करती हैं। इसलिए, आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत करने और शहरी जलनिकासी व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
यमुना का जलस्तर
यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार को खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया। अधिकारियों ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
जम्मू में स्कूलों की बंदी
जम्मू में भारी बारिश के चलते सभी सरकारी और निजी स्कूलों को एक दिन के लिए और बंद रखने का निर्णय लिया गया है। मौसम विभाग ने कई क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
भूस्खलन से जनहानि
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भूस्खलन से सात लोगों की मौत हो गई है। पंजाब में भी बाढ़ के कारण सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
सेना की राहत कार्य
सेना ने जम्मू, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में राहत और बचाव कार्य शुरू किया है, जिसमें 5,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।