भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून का प्रभावी होना

भारत में 1 जुलाई, 2024 से लागू होने वाले भारतीय न्याय संहिता (BNS) में महिलाओं की गरिमा और निजता की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़े गए हैं। नए कानून के तहत, महिलाओं की निजता से संबंधित अपराधों को गंभीरता से लिया जाएगा, चाहे अपराधी कोई भी हो। विशेष रूप से, यदि कोई महिला दूसरी महिला की अश्लील तस्वीरें खींचती है, तो उसे भी दंड का सामना करना पड़ेगा। जानें इस नए कानून के तहत सजा के प्रावधान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
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भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून का प्रभावी होना

महिलाओं की गरिमा की सुरक्षा के लिए नए प्रावधान

भारत में महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून का प्रभावी होना


भारत में 1 जुलाई, 2024 से लागू होने वाले भारतीय न्याय संहिता (BNS) में महिलाओं की गरिमा और निजता की सुरक्षा के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। विशेष रूप से महिलाओं की निजता से संबंधित मुद्दों जैसे कि कपड़े पहनने, चलने का वीडियो बनाना, या सोते या बैठते समय उनकी तस्वीरें लेना अब अपराध की श्रेणी में आएगा। नए कानून में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं, जो पहले के आईपीसी एक्ट में नहीं थे।


इस कानून का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यदि कोई महिला किसी अन्य महिला की निजी या अश्लील तस्वीरें खींचती है या वीडियो बनाती है, तो उसे भी कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा। पहले यह केवल पुरुषों के लिए लागू होता था।


धारा 73 का महत्व

भारतीय न्याय संहिता की धारा 73, जो पुराने आईपीसी की धारा 354 ग का स्थान लेगी, 'दृश्य ग्रहण' या अश्लील चित्रण से संबंधित है। यह धारा स्पष्ट रूप से किसी भी व्यक्ति को अपराधी मानती है। यदि कोई व्यक्ति किसी महिला का फोटो या वीडियो उस समय लेता है जब वह अकेले होने की उम्मीद कर रही थी, तो वह अपराधी होगा।


इसके अलावा, यदि वह व्यक्ति उस फोटो या वीडियो को किसी भी माध्यम से फैलाता है या प्रकाशित करता है, तो वह भी अपराधी माना जाएगा।


महिला द्वारा महिला का अश्लील फोटो खींचने पर क्या होगा?

बीएनएस की धारा 73 में अपराधी का लिंग मायने नहीं रखता। इसका मतलब है कि यदि एक महिला दूसरी महिला का अश्लील फोटो खींचती है, तो वह भी अपराधी मानी जाएगी। यह अपराध अक्सर पारिवारिक कलह, प्रतिशोध या ब्लैकमेलिंग के कारण होते हैं।


सजा का प्रावधान

बीएनएस की धारा 73 के तहत सजा को अपराध की गंभीरता के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहली बार दोषी पाए जाने पर, अपराधी को कम से कम 1 साल की कैद हो सकती है, जिसे बढ़ाकर 3 साल तक किया जा सकता है। इसके अलावा, जुर्माना भी लगाया जाएगा।


यदि कोई व्यक्ति बार-बार यही अपराध करता है, तो उसे कम से कम 3 साल की कैद हो सकती है, जिसे बढ़ाकर 7 साल तक किया जा सकता है। यह अपराध गैर-जमानती और असंज्ञेय है, जिसका अर्थ है कि पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।


महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम

इस प्रकार, बीएनएस यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं के खिलाफ साइबर और निजता से जुड़े अपराधों को गंभीरता से लिया जाएगा, चाहे अपराधी कोई भी हो।