भारत में महिला सेक्स वर्कर्स की संख्या और एचआईवी महामारी पर नई रिपोर्ट

महिला सेक्स वर्कर्स की स्थिति
हैदराबाद: भारत में महिला सेक्स वर्कर्स (FSW) के बारे में एक नई रिपोर्ट ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। एक अध्ययन के अनुसार, देश में सबसे अधिक सेक्स वर्कर्स कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और तेलंगाना में पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, अरुणाचल प्रदेश में प्रति 1000 वयस्क महिलाओं पर एफएसडब्ल्यू की संख्या सबसे अधिक है।
एचआईवी महामारी का प्रभाव
भारत में एचआईवी के मामलों की संख्या भी चिंताजनक है। महिला सेक्स वर्कर्स, पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुष (MSM), ट्रांसजेंडर (TG) और नशीली दवाओं का इंजेक्शन लेने वाले लोग (PWID) इस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हैं। यह अध्ययन 'प्रोग्रामेटिक मैपिंग एंड पॉपुलेशन साइज एस्टिमेशन' (PMPSE) द्वारा किया गया है और इसके परिणाम 'पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ' पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।
राज्यों में सेक्स वर्कर्स की संख्या
पीएमपीएसई की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक में 15.4 प्रतिशत महिला सेक्स वर्कर्स हैं, इसके बाद आंध्र प्रदेश (12.0 प्रतिशत), महाराष्ट्र (9.6 प्रतिशत), दिल्ली (8.9 प्रतिशत) और तेलंगाना (7.6 प्रतिशत) का स्थान है। अरुणाचल प्रदेश में प्रति 1000 वयस्क महिलाओं पर फीमेल सेक्स वर्कर्स की संख्या 17.24 है, जो सबसे अधिक है।
एचआईवी मामलों में भारत की स्थिति
इस अध्ययन के अनुसार, भारत एचआईवी मामलों में विश्व में दूसरे स्थान पर है। विशेष समूहों में महिला सेक्स वर्कर्स, MSM, ट्रांसजेंडर और PWID शामिल हैं।
इस अध्ययन में भारत के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों का सर्वेक्षण किया गया। पीएमपीएसई के अनुसार, भारत में लगभग 9,95,499 फीमेल सेक्स वर्कर्स, 3,51,020 MSM, 2,88,717 PWID और 96,193 ट्रांसजेंडर व्यक्ति हैं।
एचआईवी पीड़ितों की संख्या
पीएमपीएसई ने यह भी बताया कि देश के 642 जिलों में फीमेल सेक्स वर्कर्स की उपस्थिति है। अनुमानित 25.40 लाख लोग एचआईवी से प्रभावित हैं, जिससे भारत इस मामले में दूसरे स्थान पर है। हालांकि, राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) ने इस महामारी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 2010 से 2023 के बीच नए एचआईवी संक्रमणों में लगभग 44 प्रतिशत की कमी आई है, और एड्स से संबंधित मौतों में 79 प्रतिशत की गिरावट आई है।