भारत में डीपफेक ठगी का बढ़ता खतरा: McAfee की नई रिपोर्ट

McAfee की हालिया रिपोर्ट में भारत में डीपफेक तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 90% भारतीयों ने फेक सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट का सामना किया है, जिससे औसतन ₹34,000 का नुकसान हुआ है। जानें कि कैसे ये ठग सेलिब्रिटी के नाम का उपयोग कर रहे हैं और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
 | 
भारत में डीपफेक ठगी का बढ़ता खतरा: McAfee की नई रिपोर्ट

डीपफेक ठगी का बढ़ता प्रकोप

भारत में डीपफेक ठगी का बढ़ता खतरा: McAfee की नई रिपोर्ट

हाल ही में McAfee द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि भारत में डीपफेक तकनीक का उपयोग ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से बढ़ रहा है। अपराधी सेलिब्रिटी के नकली वीडियो और तस्वीरें बनाकर लोगों को फर्जी वेबसाइटों, गिवअवे और मनी ट्रांसफर के जाल में फंसा रहे हैं। जानिए कैसे ये स्मार्ट ठगी आपके आस-पास बढ़ रही है।

इंटरनेट पर एक गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है, जिसे फेक सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट कहा जाता है। McAfee की हालिया वार्षिक रिपोर्ट, “Most Dangerous Celebrity: Deepfake Deception List” के अनुसार, इस वर्ष लगभग 90% भारतीयों ने फेक या AI-जनरेटेड सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट का सामना किया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन धोखाधड़ियों के कारण भारतीय उपभोक्ताओं को औसतन ₹34,000 का नुकसान हुआ है। यह दर्शाता है कि साइबर अपराधी सेलिब्रिटी के नाम और चेहरे का उपयोग करके लोगों को धोखा देने के लिए डीपफेक तकनीक का तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं।

McAfee की सूची में प्रमुख सेलिब्रिटी कौन हैं?
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे अधिक मिसयूज होने वाले सेलिब्रिटी का नाम शाहरुख खान है। इसके बाद आलिया भट्ट, एलन मस्क, प्रियंका चोपड़ा जोनास और क्रिस्टियानो रोनाल्डो का नाम आता है। वैश्विक स्तर पर, इस सूची में लोकप्रिय यूट्यूबर MrBeast, लियोनेल मेसी, टेलर स्विफ्ट, किम कार्दशियन और कोरियन बैंड BTS के सदस्य भी शामिल हैं।

स्कैमर की कार्यप्रणाली
स्कैमर AI-जनरेटेड डीपफेक वीडियो का उपयोग करके लोगों को नकली एंडोर्समेंट, फेक गिफ्ट और धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों, फिशिंग लिंक और डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करते हैं। वे पैसे ट्रांसफर करने का झांसा देते हैं। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि इन धोखाधड़ियों में सेलिब्रिटी शिकार होते हैं, न कि अपराधी। केवल तीन सेकंड की आवाज से धोखेबाज बिना अनुमति के किसी की भी रियल जैसी ऑडियो डीपफेक बना सकते हैं।

AI धोखाधड़ी का बढ़ता प्रकोप और समाधान
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लगभग 60% भारतीयों ने इंफ्लूएंसर्स और ऑनलाइन सेलिब्रिटी द्वारा बनाए गए AI-जनरेटेड या डीपफेक कंटेंट को देखा है, जो यह दर्शाता है कि धोखाधड़ी वाला कंटेंट कितनी तेजी से फैल रहा है।

McAfee ने अगस्त में 8,600 वयस्कों पर एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया था, जिसमें भारत सहित 7 देशों में धोखाधड़ी के मामलों की जांच की गई थी। कंपनी का कहना है कि उनका Deepfake Detector टूल उपयोगकर्ताओं को संदिग्ध टेक्स्ट, ईमेल और वीडियो का विश्लेषण करने में मदद कर सकता है ताकि वे नकली कंटेंट को पहचान सकें।