भारत में जीएसटी सुधार: घरेलू मांग को बढ़ावा और आर्थिक विकास में सहायक

जीएसटी सुधार का स्वागत
भारत के उद्योग जगत ने गुरुवार को जीएसटी प्रणाली में बदलाव का स्वागत किया, जो परिवारों के बजट को आसान बनाता है और घरेलू मांग को बढ़ावा देता है। यह उद्योग और सेवा क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आर्थिक विकास को मजबूत करने की उम्मीद है।
उद्योग की प्रतिक्रिया
सीआईआई ने जीएसटी परिषद के दूरदर्शी निर्णयों का स्वागत करते हुए कहा कि दो कर स्लैब में बदलाव और रिफंड तथा एमएसएमई प्रक्रियाओं का सरलीकरण भारत की विकास यात्रा को मजबूती प्रदान करेगा। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने इसे "असाधारण" बताते हुए कहा कि इससे अनुपालन में आसानी होगी और व्यवसायों को आवश्यक पूर्वानुमान मिलेगा।
महत्वपूर्ण निर्णय
सीआईआई के आर्थिक मामलों के अध्यक्ष आर. दिनेश ने कहा कि जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में लिए गए निर्णय आर्थिक गति को बढ़ाने की दिशा में एक निर्णायक कदम हैं। आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कमी से उपभोक्ताओं और उद्योग को सीधा लाभ होगा।
फिक्की की सराहना
फिक्की ने जीएसटी परिषद के निर्णयों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह भारत की आर्थिक यात्रा में एक परिवर्तनकारी कदम है। जीएसटी दरों का सरलीकरण उपभोक्ताओं और उद्योग के लिए पारदर्शिता और स्थिरता लाएगा।
कृषि और MSME पर प्रभाव
कृषि मशीनरी और उर्वरकों पर जीएसटी में कमी से किसानों की लागत में कमी आएगी, जिससे ग्रामीण आय में वृद्धि होगी। एमएसएमई को भी इस सुधार से लाभ होगा, जिससे नई नौकरियों का सृजन होगा।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में लाभ
ऑटोमोबाइल क्षेत्र को छोटे वाहनों और मोटरसाइकिलों पर जीएसटी में कमी से लाभ होगा, जिससे घरेलू निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
PHDCCI की प्रतिक्रिया
PHDCCI ने जीएसटी दरों के सरलीकरण को उपभोक्ता कल्याण और राजस्व दक्षता के लिए ऐतिहासिक सुधार बताया।
MSME की चिंताएँ
हालांकि, भारतीय उद्यमियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. ई. राघुनाथन ने कहा कि अधिकांश एमएसएमई, विशेषकर वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में ये बदलाव अप्रभावित रह गए हैं।