भारत में जनगणना और जातीय जनगणना की प्रक्रिया का नया टाइमलाइन जारी

जनगणना की प्रक्रिया की शुरुआत
केंद्र सरकार ने देश में जनगणना और जातीय जनगणना की प्रक्रिया के लिए एक स्पष्ट टाइमलाइन जारी की है। गृह मंत्रालय के अनुसार, यह जनगणना 16 जून 2025 से शुरू होगी और इसे 1 मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा।
अधिसूचना का प्रकाशन
सरकार 16 जून 2025 को जनगणना और जातीय जनगणना से संबंधित अधिसूचना को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित करेगी। इस दिन से जनगणना की प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत मानी जाएगी।
पहले चरण की गणना बर्फीले क्षेत्रों में
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना का कार्य 1 अक्टूबर 2026 तक पूरा किया जाएगा। इन क्षेत्रों में मौसम की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए गणना पहले चरण में संपन्न की जाएगी।
अन्य राज्यों में गणना का कार्य
भारत के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जनगणना और जातीय गणना का कार्य 1 मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा, और उसी दिन इसे आधिकारिक रूप से प्रकाशित किया जाएगा।
21 महीनों में पूरी प्रक्रिया
इस प्रकार, भारत की यह सबसे बड़ी जनगणना प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी होगी, जो 16 जून 2025 से शुरू होकर 1 मार्च 2027 को समाप्त होगी।
जातिगत और सामाजिक-आर्थिक आंकड़े
इस जनगणना में केवल जनसंख्या की जानकारी नहीं, बल्कि जातीय पहचान और सामाजिक-आर्थिक स्तर की जानकारी भी इकट्ठा की जाएगी। इसमें परिवार के आवासीय स्वरूप, वाहन, संपत्ति, शिक्षा, पेयजल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाओं की जानकारी भी डिजिटल माध्यम से ली जाएगी। यह जनगणना न केवल डिजिटल और तीव्र होगी, बल्कि यह भारत के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को समझने के लिए सबसे व्यापक डेटा सेट प्रस्तुत करेगी।
जातीय जनगणना की मांग
देश में लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग की जा रही थी, और अब इसकी तारीख भी सामने आ गई है। आजादी के बाद 1951 से 2011 तक सात बार और कुल 15 बार जनगणना की जा चुकी है। 1931 के बाद से भारत में कोई जातिवार जनगणना नहीं हुई थी। 94 साल के बाद मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया है।